डीएसपी और एएसपी के कामकाज से संतुष्ट नहीं डीजीपी, कांगड़ा व सिरमौर के दौरे में पाई अव्यवस्था, दिए ये निर्देश

DGP Sanjay Kundu पुलिस महानिदेशक (डीजीपी) संजय कुंडू कांगड़ा सिरमौर जिले के डीएसपी एएसपी रैंक के सुपरवाइजरी अधिकारियों (एसओ) के कामकाज से संतुष्ट नहीं है।

By Rajesh SharmaEdited By: Publish:Wed, 05 Aug 2020 09:33 AM (IST) Updated:Wed, 05 Aug 2020 09:33 AM (IST)
डीएसपी और एएसपी के कामकाज से संतुष्ट नहीं डीजीपी, कांगड़ा व सिरमौर के दौरे में पाई अव्यवस्था, दिए ये निर्देश
डीएसपी और एएसपी के कामकाज से संतुष्ट नहीं डीजीपी, कांगड़ा व सिरमौर के दौरे में पाई अव्यवस्था, दिए ये निर्देश

शिमला, जेएनएन। पुलिस महानिदेशक (डीजीपी) संजय कुंडू कांगड़ा, सिरमौर जिले के डीएसपी, एएसपी रैंक के सुपरवाइजरी अधिकारियों (एसओ) के कामकाज से संतुष्ट नहीं है। उन्होंने इन जिलों के दौरे के अनुभवों के आधार पर प्रदेश के सभी एसओ के लिए नए निर्देश जारी किए हैं। इनके अनुसार अब संगीन अपराधों को सुलझाने के लिए अधिकारियों को घटनास्थल पर तब तक कैंप करना होगा, जब तक केस सुलझ नहीं जाता। पंद्रह में से तीन दिन इन्हें थाने, चौकियों में बिताने होंगे। इससे वहां की कार्यप्रणाली में सुधार होगा। डीजीपी ने हाल ही में कांगड़ा, सिरमौर जिले का दौरा किया था। इस दौरान पाया कि सुपरवायजरी ऑफिसर डीएसपी, एएसपी एक या दो थाने के ही सुपरवायजरी ऑफिसर हैं। बहुत कम जगहों पर तीन थाने देखते हैं। डीजीपी ने इसकी पुष्टि की है।

ये दिए निर्देश प्रत्येक सुपरवायजरी ऑफिसर एसपी को छोड़ एनडीपीएस के एक साल में छह केसों की व्यक्तिगत तौर पर जांच करेगा। रेड, सर्च, सीजर, जांच,चार्जशीट तैयार करना, केसों का ट्रायल मॉनीटरिंग करने जैसे कार्य करेंगे। डीएसपी, एएसपी पंद्रह दिन में तीन दिन तक सूर्य उदय से लेकर सूर्यास्त तक पुलिस थानों, चौकियों में  कैंप करेंगे। कम से कम दो रातें वहीं पर काटेंगे। विशेष केसों विशेषकर महिलाओं, बच्चों के खिलाफ होने वाले अपराध, हत्या, चोरी, सेंधमारी, जैसे संगीन अपराधों को सुलझाने के लिए एसओ मौका-ए-वारदात पर कैंप करेंगे।

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