विद्यार्थी-अभिभावक मायूस, शिक्षकों ने सराहा फैसला
विमल बस्सी कांगड़ा वैश्विक महामारी कोरोना के बढ़ते संक्रमण के कारण 10वीं व जमा दो की प
विमल बस्सी, कांगड़ा
वैश्विक महामारी कोरोना के बढ़ते संक्रमण के कारण 10वीं व जमा दो की परीक्षाएं रद व स्थगित होने से विद्यार्थियों के साथ-साथ अभिभावकों के चेहरों पर मायूसी छा गई है। अभिभावक बच्चों के भविष्य के लिए चिंतित हैं। उनका कहना है कि परीक्षाएं पहले ही देरी से हो रही थीं और अब इन्हें रद व स्थगित करने से बच्चों के करियर को मंझधार में छोड़ दिया है। शिक्षकों की नजर में परीक्षाएं स्थगित करने का फैसला विद्यार्थियों के हित में है। शिक्षकों के अनुसार, अब बच्चों को समय मिला है और वे बेहतर ढंग से परीक्षा की तैयारी कर सकते हैं।
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परीक्षाएं स्थगित करने का फैसला विद्यार्थियों के लिए वरदान साबित हो सकता है। अभिभावक चाहें तो कोविड से सुरक्षित रखकर बच्चों के शैक्षणिक स्तर को उच्चस्तर तक पहुंचा सकते हैं।
-विजय शर्मा, शिक्षक
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विद्यार्थी मानसिक रूप से मजबूत हो जाएं और हिम्मत न हारें। कोविड-19 प्रोटोकॉल का पालन करते हुए लगन के साथ पढ़ाई करें। बच्चों को अब और समय मिला है, इसलिए मन लगाकर पढ़ाई करें।
-राकेश कुमार, शिक्षक
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परीक्षाएं स्थगित होने से बच्चों को आघात पहुंचा है। जमा दो के बाद पेशेवर परीक्षाओं की तैयारी प्रभावित हो जाएगी। उच्च लक्ष्य हासिल करने वाले बच्चों को खासी दिक्कत हो जाएगी।
-स्पर्श सहगल, छात्रा
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परीक्षाएं स्थगित होने से तैयारी करने का अवसर मिला है। सालभर कोविड की वजह से ठीक ढंग से पढ़ाई नहीं हो पाई थी। महामारी से सुरक्षा भी जरूरी है। हम परीक्षा देकर ही खुद का आकलन कर सकते हैं।
-मुनीष ठाकुर, छात्र
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परीक्षाओं के लिए तैयारी कर रखी थी लेकिन अब स्थगित होने से निराशा मिली है। अंकों में बढ़ोतरी के लिए अब ज्यादा पढ़ाई करूंगी। परीक्षाएं होनी चाहिए। इनसे से योग्यता का पता चलता है।
-तान्या, छात्रा
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परीक्षा स्थगित होने से ठेस पहुंची है। प्रमोट करने से बच्चों को अपनी योग्यता का पता नहीं चलता है। मेहनत के दम पर परीक्षा पास करने से बच्चों की मानसिक क्षमता का पता चलता है।
-पूजा, अभिभावक
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महामारी से सुरक्षित रखने के लिए परीक्षाओं को स्थगित करने का फैसला सराहनीय है। बच्चों के उज्ज्वल भविष्य के लिए चुनौतीपूर्ण परिस्थितियों से निपटने की कला उन्हें मानसिक रूप से सुदृढ़ बनाएगी।
-अशोक खैरा, अभिभावक