कांगड़ा में खोली जाए सीजीएचएस डिस्पेंसरी
पैरा मिलिट्री संगठन और सेंट्रल कर्मचारी संगठन के प्रतिनिधियों ने राज्यसभ्
संवाद सूत्र, मारंडा : पैरा मिलिट्री संगठन और सेंट्रल कर्मचारी संगठन के प्रतिनिधियों ने राज्यसभा सदस्य इंदु गोस्वामी से मुलाकात की। पैरा मिलिट्री के सेवानिवृत्त सदस्यों, शहीद परिवारों के आश्रितों और सेवानिवृत्त केंद्रीय कर्मचारी के सदस्यों और उनके परिवार को आ रही स्वास्थ्य सुविधा के बारे में अवगत कराया।
प्रतिनिधियों ने बताया कि शिमला में एकमात्र सीजीएचएस (केंद्र सरकार स्वास्थ्य योजना) डिस्पेंसरी है। प्रदेश की भौगोलिक स्थिति को देखते हुए शिमला प्रदेश के केंद्र स्थान में नहीं होने के कारण कांगड़ा, चंबा, ऊना, हमीरपुर, मंडी आदि जगहों से शिमला आना-जाना बेहद मुश्किल है। केंद्र सरकार से आग्रह है कि कांगड़ा में सीजीएचसी की डिस्पेंसरी खोली जाए।
2015 में स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय से धर्मशाला में सीजीएचएस सुविधा उपलब्ध कराने के संबंध में एक पत्र भी जारी किया गया था, लेकिन उसके बाद लगातार संघर्ष करने के बावजूद अभी तक कांगड़ा में सीजीएचएस सुविधा से वंचित हैं, जो दुर्भाग्यपूर्ण है। कांगड़ा प्रदेश का सबसे बड़ा जिला है और यहां पैरा मिलिट्री और केंद्रीय कर्मचारियों की संख्या लगभग 60,000 से ज्यादा है। स्वास्थ्य मंत्रालय से उन्हें इसी संबंध में कुछ जानकारी भेजने के लिए कहा गया था वह संगठन के पदाधिकारियों ने समय अनुसार भेज दी थी, लेकिन हाल ही में जो दिल्ली से सीजीएचएस डिस्पेंसरी खोलने के लिए पत्र जारी हुआ, उसमें उन्हीं प्रदेशों का नाम है जहां पहले से ही बहुत ज्यादा संख्या में सीजीएचएस डिस्पेंसरी उपलब्ध थी। जहां पहले से कई पैरा मिलिट्री के अस्पताल हैं, लेकिन आदेश में हिमाचल का नाम तक नहीं है जबकि सबसे ज्यादा दुर्गम क्षेत्र में हिमाचल ही आता है। केंद्र सरकार दुर्गम इलाकों में ही सबसे पहले सीजीएचएस डिस्पेंसरी खोलेगी, ऐसा बताया गया था। इसी कारण भी प्रदेश में सीजीएचएस डिस्पेंसरी खोलना बहुत ही जरूरी एवं उचित था।