अपने यश को खोकर स्तब्ध है ऊना का जखेड़ा गांव
देश को 1983 में क्रिकेट वल्र्ड कप जिताने में अहम भूमिका निभाने वाले बल्लेबाज यशपाल शर्मा के निधन ने क्रिकेट प्रेमियों को झकझोर दिया है। बहुत कम लोग जानते हैं कि यशपाल शर्मा हिमाचल प्रदेश जिला ऊना के मैहतपुर औद्योगिक क्षेत्र से सटे गांव जखेड़ा से संबंध रखते हैं।
सुरेश बसन, ऊना। देश को 1983 में क्रिकेट वल्र्ड कप जिताने में अहम भूमिका निभाने वाले बल्लेबाज यशपाल शर्मा के आकस्मिक निधन ने देश सहित विश्व के तमाम क्रिकेट प्रेमियों को झकझोर दिया है। बहुत कम लोग जानते हैं कि यशपाल शर्मा हिमाचल प्रदेश जिला ऊना के मैहतपुर औद्योगिक क्षेत्र से सटे गांव जखेड़ा से संबंध रखते हैं। उनका पैतृक गांव जखेड़ा भी अपने यश की मौत से स्तब्ध है।
जखेड़ा के वार्ड नंबर सात में यशपाल शर्मा का पुराना घर आज भी मौजूद है जिस पर उनके पिता का नाम बाबू राम शर्मा बड़े अक्षरों में अंकित है। यशपाल शर्मा के यहां बचपन, किशोरावस्था तथा समय-समय पर व्यस्तता के बीच घर में बिताए पल आज भी उनके पड़ोसी याद करते हैं। यशपाल शर्मा करीब तीन वर्ष पहले गांव आए थे। यहां उन्होंने अपने गोत्र के धार्मिक आयोजन में शिरकत की थी। पिता बाबू राम के घर जन्मे यशपाल शर्मा की पढ़ाई लुधियाना (पंजाब) में हुई। लुधियाना में उनके पिता सर्विस करते थे। बीच-बीच में अकसर गांव में बाबू राम परिजनों से मिलने आते रहते थे। बाद में क्रिकेट में यशपाल के आरंभिक सफर और फिर बुलंदियों तक पहुंचने के बाद यशपाल का पैतृक गांव आना कम हो गया था। क्रिकेट से संन्यास लेने और थोड़ी जिम्मेदारियां कम होने के बाद फिर से उन्होंने गांव जखेड़ा पहुंच अपनों का कुशलक्षेम जाना। रिश्ते में यशपाल शर्मा के भतीजे एवं वर्तमान में बीडीसी महेंद्र छिब्बर ने बताया कि गांव स्तर पर वह समाजिक कार्यों में सहयोग प्रदान करते थे। गांव के प्राथमिक स्कूल में कमरा बनाने में उन्होंने सहयोग किया था। जखेड़ा गांव में लोगों द्वारा बनाई गई सामाजिक कार्यों के लिए संगम सभा में भी आर्थिक सहयोग किया था। बेशक यशपाल का निधन ग्रामवासियों सहित जिला एवं प्रदेश के लिए भी अपूरणीय क्षति है। कुछ दिनों में ग्रामीण स्तर पर गांववासी उन्हें श्रद्धांजलि देंगे। इन दिनों उनका घर एक डाककर्मी ने किराये पर लिया हुआ है।