नई शिक्षा नीति को जमीनी स्तर पर लागू करने के लिए डेडलाइन तय

नई शिक्षा नीति को जमीनी स्तर पर लागू करने के लिए शिक्षा विभाग ने डेडलाइन तय कर दी है। आठ सितंबर 2020 को हिमाचल में नई शिक्षा नीति को लागू किया गया था। हिमाचल देश में पहला राज्य बना था जिसने सबसे पहले इस नीति को लागू किया था।

By Virender KumarEdited By: Publish:Sun, 01 Aug 2021 09:56 PM (IST) Updated:Sun, 01 Aug 2021 09:56 PM (IST)
नई शिक्षा नीति को जमीनी स्तर पर लागू करने के लिए डेडलाइन तय
नई शिक्षा नीति को जमीनी स्तर पर लागू करने के लिए डेडलाइन तय कर दी है। जागरण आर्काइव

शिमला, अनिल ठाकुर। नई शिक्षा नीति को जमीनी स्तर पर लागू करने के लिए शिक्षा विभाग ने डेडलाइन तय कर दी है। आठ सितंबर, 2020 को हिमाचल में नई शिक्षा नीति को लागू किया गया था। हिमाचल देश में पहला राज्य बना था जिसने सबसे पहले इस नीति को लागू किया था। हिमाचल प्रदेश विश्वविद्यालय, स्कूल शिक्षा बोर्ड, उच्चतर शिक्षा विभाग, प्रारंभिक शिक्षा विभाग, एससीईआरटी को आठ सितंबर, 2021 तक एक-एक योजना को लागू करने के निर्देश दिए गए हैं। दो दिन पूर्व शिक्षा मंत्री गोङ्क्षवद ङ्क्षसह ठाकुर ने विभाग के अधिकारियों के साथ इस संबंध में बैठक की थी। उन्होंने निर्देश दिए कि कागजों के बजाय अब जमीनी स्तर पर इसे लागू किया जाए। नई शिक्षा नीति के एक साल पूरा होने के बाद इसकी दोबारा से समीक्षा की जाएगी। योजना को लागू करने में कहां पर खामी रही, और क्या बदलाव किए जा सकते हैं इस पर मंथन किया जाएगा।

प्रारंभिक शिक्षा विभाग को दिया यह टारगेट

प्रारंभिक शिक्षा विभाग को प्रदेश में 1000 से ज्यादा स्कूलों में प्री प्राइमरी कक्षाएं शुरू करने की योजना है। प्रोजेक्ट अप्रूवल बोर्ड की बैठक में इस पर चर्चा हो चुकी है। केंद्र से फाइनल अप्रूवल आना बाकी है। केंद्र की मंजूरी के बाद इन स्कूलों को शुरू कर दिया जाएगा। इसके अलावा प्रदेश के आंगनबाड़ी केंद्रों में भी प्री प्राइमरी स्कूलों को शुरू किया जाएगा। विभाग का टारगेट है कि इसके लिए इसी महीने भर्ती एवं पदोन्नति नियम तय कर शिक्षकों की भर्ती प्रक्रिया को शुरू कर दिया जाएगा। इसके अलावा छठी कक्षा से वोकेशनल विषय शुरू करने को कहा गया है। उच्च शिक्षा विभाग को 11वीं कक्षा से संकाय सिस्टम खत्म करने को कहा गया है, यानी विज्ञान, वाणिज्य और कला संकाय नहीं होगा। विद्यार्थियों को विज्ञान, गणित, आइटी और वोकेशनल विषयों को पढ़ाना अनिवार्य होगा। आइटी और वोकेशनल विषय छठी कक्षा से शुरू हो जाएंगे, जबकि संस्कृत विषय तीसरी कक्षा से पढ़ाया जाएगा।

बोर्ड को कहा, दो बार परीक्षाओं का सिस्टम बनाए

नई नीति के तहत प्रदेश में भी दसवीं और जमा दो कक्षा में दो बार बोर्ड की परीक्षा होगी। जेईई की तर्ज पर विद्यार्थी दूसरी बार अपनी डिविजन में सुधार कर सकेंगे। इससे विद्यार्थियों पर परीक्षा को लेकर तनाव खत्म होगा। शिक्षा मंत्री ने बोर्ड को निर्देश दिए हैं कि इसके लिए आठ सितंबर से पहले व्यवस्था तैयार करें।

नई शिक्षा नीति के प्रविधानों को लागू करने की प्रक्रिया शुरू कर दी है। बोर्ड, शिक्षा विभाग और विश्वविद्यालय के अधिकारियों के साथ बैठक में उन्हें निर्देश दिए गए हैं।

-गोङ्क्षवद ठाकुर, शिक्षा मंत्री

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