बीड़ बिलिंग से लापता पायलट का पांच माह बाद मिला शव

पैराग्लाइडिंग के लिए विश्व प्रसिद्ध बीड़ बिलिंग घाटी से जनवरी माह में लापता हुए पैराग्लाइडर पायलट रोहित भदोरिया का शव मिल गया है। जालसू पास और बड़ा भंगाल की पहाड़ियों के बीच में एक संकरे पहाड़ के निकट शव मिलने की सूचना है।

By Richa RanaEdited By: Publish:Fri, 28 May 2021 01:24 PM (IST) Updated:Fri, 28 May 2021 01:24 PM (IST)
बीड़ बिलिंग से लापता पायलट का पांच माह बाद मिला शव
बीड़ बिलिंग घाटी से जनवरी माह में लापता हुए पैराग्लाइडर पायलट रोहित भदोरिया का शव मिल गया है।

बैजनाथ, मुनीष दीक्षित। पैराग्लाइडिंग के लिए विश्व प्रसिद्ध बीड़ बिलिंग घाटी से जनवरी माह में लापता हुए पैराग्लाइडर पायलट रोहित भदोरिया का शव मिल गया है। जालसू पास और बड़ा भंगाल की पहाड़ियों के बीच में एक संकरे पहाड़ के निकट शव मिलने की सूचना है। हालांकि आधिकारिक रूप से पुलिस ने इसकी अभी पुष्टि नहीं की है। लेकिन सर्च अभियान में जुटी टीम ने यह सूचना बीड़ में दी है।

जहां शव मिला है, उसी स्थान में पिछले महीने रोहित का काफी सामान भी मिला था। ‌रोहित को ढूंढने के लिए लगातार एक बड़ा सर्च अभियान चल रहा था। इस दौरान अप्रैल में उसका कुछ सामान जालसू जोत के समीप मिला था। उसी क्षेत्र में अब बर्फ कम होने के बाद रोहित का शव मिलने की सूचना मिली है।मूल रूप से दिल्ली के रहने वाले 48 वर्षीय रोहित भदोरिया काफी समय से बीड़ में रह रहे थे। इसी साल 8 जनवरी को उन्होंने बिलिंग से उड़ान भरी थी। कुछ घंटों की उड़ान के बाद उतराला से ऊपर की पहाड़ियों से अचानक रोहित लापता हो गए थे।

उस समय मौसम की स्थिति ठीक नहीं थी, ऐसे में लग रहा था कि रोहित ने कहीं इमरजेंसी लैंडिंग की है।  रोहित को ढूंढने के लिए माउंटेनियरिंग इंस्टीट्यूट सहित कई रेस्क्यू टीमें हेलीकॉप्टर और ग्राउंड स्तर पर जुटी थी।

एक टीम को रोहित का कुछ सामान 12 अप्रैल को जालसू के समीप जोड़ा धड़वे के पास वाली संकरी पहाड़ी में मिला था। लेकिन उस समय यहां बर्फ होने के कारण अधिक दिन सर्च नहीं हो पाया।

इसके बाद एक बार फिर रोहित के दोस्तों और परिजनों ने रेस्क्यू टीम उसी स्थान पर भेजी थी। जहां रोहित के शव होने की सूचना मिली है। इस संदर्भ में पुलिस का कहना है कि इस बारे पता लगाया जा रहा है। बीड़ के पायलटों ने बताया कि रोहित काफी मिलनसार था और उसे पैराग्लाइडिंग सहित ट्रैकिंग का भी खासा अनुभव था। बावजूद इसके उनका कोई पता नहीं चल पाया था। रोहित को ढूंढने के लिए भारतीय वायु सेना सहित निजी हेलीकॉप्टर की भी मदद ली गई थी।

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