तिब्बत मामले को लेकर दलाईलामा व अमेरिका के विशेष समन्वयक ने की चर्चा
धर्मगुरु दलाईलामा ने तिब्बत के मसले पर अमेरिका की ओर से पिछले कुछ समय से उठाए जा रहे कदमों की सराहना की है। बात चाहे तिब्बत स्वायता की बात हो या प्रोटेक्शन बिल एवं आर्थिक सहायता का मुद्दा हो अमेरिका तिब्बत का पक्षधर ही रहा है।
धर्मशाला, जेएनएन। धर्मगुरु दलाईलामा ने तिब्बत के मसले पर अमेरिका की ओर से पिछले कुछ समय से उठाए जा रहे कदमों की सराहना की है। बात चाहे तिब्बत स्वायता की बात हो या प्रोटेक्शन बिल एवं आर्थिक सहायता का मुद्दा हो, अमेरिका तिब्बत का पक्षधर ही रहा है।
दलाइलामा ने मैक्लोडगंज में अपने निवास स्थान से रॉबर्ट डेस्ट्रो ब्यूरो ऑफ डेमोक्रसी व मानवाधिकार, श्रम और यूएस विशेष समन्वयक के साथ वीडियो कॉफ्रेसिंग के माध्यम से चर्चा की। इस वीडियो कॉफ्रेंस में रॉबर्ट डेस्ट्रो के अलावा उनके सहयोग अमेरिकी अधिकारी भी शामल हुए। रॉबर्ट को अमेरिका सरकार ने 14 अक्टूबर 2020 को तिब्बती नीति अधिनियम के अनुसार तिब्बत मुद्दा पर अमेरिका सरकार को छठा विशेष समन्वयक नियुक्त किया है। तिब्बत नीति और 2020 के समर्थन कानून में हाल ही में अमेरिका सरकार ने तय किया है कि दलाईलामा कि पुनर्जन्म के बारे में फैसला लेने का विशेष अधिकार दलाईलामा व तिब्बती बौद्ध नेताओं और तिब्बत के लोगों का ही है।
इसके साथ ही अमेरिका सरकार ने स्पष्ट किया है कि दलाईलामा के पुनर्जन्म को लेकर अगर चीन हस्तक्षेप करता है तो अमेरिका इसका विरोध करेगा। चीन सरकार का इसमें कोई भी नहीं मान्य नहीं होगा। इसके साथ ही अमेरिका ने विश्वभर में रह रहे तिब्बतियों को वित्तीय सहायता देने का भी एलान किया गया है।
रॉबर्ट की नियुक्त पर चीन ने जताई थी आपत्ति
शुरूआत से ही तिब्बत के पक्षधर रहे रॉबर्ट डेस्ट्रो की अमेरिकी सरकार की ओर से विशेष समन्वयक के तौर पर नियुक्ति करने पर चीनी विदेशी मंत्रालय के प्रवक्ता झाओ लिजियान ने कहा था कि अमेरिका का यह कदम चीन की आंतरिक मामलो में हस्तक्षेप करने जैसा है। चीन इस नियुक्त पर स्पष्ट तौर पर आपत्ति दर्ज करता है।