महंगाई और जमाखोरी ने थाली से गायब की दालें, बेहतर उत्पादन होने पर भी आसमान छूने लगे दाम, जानिए वजह
Dal Prices in Himachal कोराना काल में महंगाई व जमाखोरी ने दालों को आम आदमी की थाली से गायब कर दिया है। इसका कारण है कि दालें 75 रुपये से लेकर 180 रुपये तक बिक रही है। इस महामारी के दौर में प्रोटिन वाले पदार्थें की मांग बढ़ गई है
शिमला, यादवेन्द्र शर्मा। कोराना काल में महंगाई व जमाखोरी ने दालों को आम आदमी की थाली से गायब कर दिया है। इसका कारण है कि दालें 75 रुपये से लेकर 180 रुपये तक बिक रही है। इस महामारी के दौर में प्रोटिन वाले पदार्थें की मांग बढ़ गई है जिसमें दालें भी शामिल है। दालों का बेहतर उत्पादन होने के बावजूद भी दालों के दाम कम होने के स्थान पर बढ़ते जा रहे हैं। कालाचना, मलका, अरहर और दालचना के दामों में चार सौ रुपये से लेकर छह सौ रुपये तक की वृद्धि हुई है। जमाखोर दालों की जमाखोरी कर रहे हैं और उधर कर्फ्यू व लॉकडाउन जैसी स्थिति के कारण आम लोगों ने भी दालों की जमाखोरी शुरु कर दी है और मांग बढ़ी हुई है।
प्रदेश में वर्तमान में 5773 मीट्रिक टन दालें उपलब्ध हैं। डीजल के दामों के बढऩे के कारण मालभाड़े में दो से पांच रुपये प्रति ङ्क्षक्वटल बढ़ा है। जबकि दालों के दामों में काला चना के दाम चार सौ रुपये क्विंटल, अरहर व मलका के दामों में पांच सौ रुपये और दालचना के दाम के छह सौ रुपये प्रति क्विंटल की वृद्धि हुई है। दालों के उत्पादन के बेहतर होने के बावजूद भी दामों में कमी न आना कई सवाल खड़े कर रहा है।
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प्रदेश में दालों का उत्पादन मीट्रिक टन में और क्षेत्र हेक्टेयर में
प्रदेश में दालों के थोक व परचून भाव प्रति किलो के हिसाब से दालें, थोक भाव, परचून भाव काला चना,65-68,75-80 अरहर,105-110,110-115 दालचना,70-75,75-80 मूंगी,95-102,110-115 मलका,72-85,90-100 माश,90-110,110-120 काबुली चना,80-120,90-130 राजमाह,90-130,100-150 माश,90-108,110-115
बीते वर्ष से अरहर के दाल के दामों में 27 गुणा वृद्धि
बीते वर्ष अरहर की दाल 80 रुपये प्रति किलो आम आदमी को मिल रही थी।अब इसके दामों में 27.3 फीसदी तक वृद्धि हुई है और 110-115 रुपये प्रति किलो मिल रही है। काला चना 70 रुपये से बढ़कर 75-80 रुपये में मिल रहा है। माश की दाल 75 रुपयेे प्रति किलो से 115 रुपये पहुंच गई है।
बेहतर उत्पादन के बावजूद वृद्धि
सालीग्राम व हेमराम थोक विक्रेता शिमला कमलेश गुप्ता का कहना है दालों के बेहतर उत्पादन से दालों के दाम में कमी की उम्मीद थी लेकिन दामों में चार सौ रुपये से छह सौ रुपये की वृद्धि हुई है। दालों की मांग बढ़ी है। कोरोना के दौरान लोगों ने दालें अधिक खानी शुरु की हैं। मालभाड़ा में कोई विशेष वृद्धि नहीं हुई है और दिल्ली से 200 रुपये से 230 रुपये प्रति क्विंटल मालभाड़ा वसूला जा रहा है।
जमाखोरी पर निरीक्षण के निर्देश
खाद्य आपूर्ति एवं उपभोक्ता मामले मंत्री राजिंद्र गर्ग का कहना है दालों व अन्य आवश्यक वस्तुओं की जमाखोरी को लेकर निरीक्षण के निर्देश दिए गए हैं। इस संबंध में अधिकारी निरीक्षण कर रहे हैं। दालों की मांग बढ़ी है।