ज्वालामुखी के लुथान में साढ़े तीन करोड़ से बनी काऊ सेंक्चुअरी कर रही उद्धघाटन का इंतजार
ज्वालामुखी तथा देहरा उपमंडल के अधीन आतीं दो विधानसभाओं समेत जिले के अन्य समीपवर्ती क्षेत्रों में बेसहारा पशुओं के कारण आ रही समस्याओं से निजात दिलवाने के लिए राज्य सरकार द्वारा बनाया गया गौ अभ्यारण्य बनकर तैयार हो चुका है।
ज्वालामुखी, प्रवीण कुमार शर्मा। शक्तिपीठ श्री ज्वालामुखी तथा देहरा उपमंडल के अधीन आतीं दो विधानसभाओं समेत जिले के अन्य समीपवर्ती क्षेत्रों में बेसहारा पशुओं के कारण आ रही समस्याओं से निजात दिलवाने के लिए राज्य सरकार द्वारा बनाया गया गौ अभ्यारण्य बनकर तैयार हो चुका है, लेकिन उद्धघाटन ना होने की वजह से किसानों को अभी भी इसका फायदा नहीं मिल पाया है।
हालत यह है कि गेंहू की फसल अंकुरित होकर बाहर आ गई है,किसानों को डर है कि इस फसल को भी बेसहारा पशु बर्वाद ना कर दें। लोगों ने सरकार से गुहार लगाई है कि समय रहते इस गौ अभ्यारण्य का उपयोग सुनिश्चित किया जाए ताकि किसान फसल की बर्वादी से बेपरवाह होकर चैन की नींद सो पाएं। गौरतलब है की लुथान पंचायत में 450 कनाल भूमि को पशुपालन भाग द्वारा अधिग्रहित करने के बाद गौ अभ्यारण्य (काऊ सेंक्चुअरी) बनाकर तैयार किया गया है। इस काऊ सेंक्चुअरी को बनाने के लिए लगभग साढ़े तीन करोड़ रुपये का खर्चा आया है। यहां पर बेसहारा पशुओं के लिए ना केवल आश्रय का ठिकाना मिलेगा,अपितु साफ सुथरी व्यवस्थाएं भी मुहैया करवाई जाएंगी, ताकि सड़कों पर घूमने वाला गौधन यहां आकर आराम से रह सके। सरकार ने तय शुदा समय में इस गौ अभ्यारण्य को बनाकर लोगों को बेसहारा जानवरों से छुटकारे के लिए जो पहल की थी,उसे पूरा करके लोगों को राहत देने की कोशिश की है।
वर्ष 2019-20 की एक रिपोर्ट के अनुसार इस समय राज्य में 30,000 के करीब आवारा पशुधन है। जबकि 2,000 के करीब मवेशियों को गौशालाओं में पाला जा रहा है, लुथान समेत जिला में कुल 6 काऊ सेंक्चुअरी बनाई जा रहीं हैं, जिनमें काऊ सेंक्चुअरी लुथान सबसे पहले बनकर तैयार हुई है।लेकिन बनकर तैयार होने के दो महीने बाद भी गौ अभ्यारण्य के दरवाजे बेसहारा जानवरों के लिए खुल नहीं पाए हैं।
1500 पशुओं को रखने की क्षमता
ज्वालामुखी के लुथान में बनाई गई जिले की इस सबसे बड़ी काऊ सेंक्चुअरी में एक साथ 1500 पशुओं को बांधने की क्षमता है। इनके आहार तथा बैठने के लिए बेहतर व्यवस्था के साथ केबिन बनाए गए हैं, काऊ सेंचुरी के अधीन 450 कनाल भूमि का बड़ा रकबा इसलिए रखा गया है ताकि खुले बातावरण में भी पशुधन को चरने तथा घूमने के लिए उपयुक्त जगह मिल सके। काऊ सेंक्चुअरी में पशुओं के लिए पानी तथा सूखे आहार के लिए बड़े बड़े डंप बनाये गए हैं।
किसानों को मिलेगा लाभ,आवारा पशुओं से निज़ात
काऊ सेंक्चुअरी का उपयोग सुनिश्चित किया जाए तो किसानों के माथे से चिंता की लकीरें गायब होंगी। बेसहारा पशुओं के कारण फसलों की बर्वादी के चलते दर्जनों किसानों ने जिन्होंने उपजाऊ भूमि बंजर रहने के लिए छोड़ दी थी।
स्थानीय विधायक रमेश धवाला ने कहा कि लुथान में गौ अभ्यारण्य बनकर तैयार है। जिला में उपचुनाव के चलते चुनाव आचार संहिता के कारण इसके उद्धघाटन में देरी हुई है,मुख्यमंत्री से इसका उद्धघाटन करवाएंगे,लेकिन जब तक उद्धघाटन नहीं हो जाता तब तक मैंने पंचायतों को निर्देश दिए हैं कि बेसहारा पशुओं को गौ अभ्यारण्य में पहुंचा दिया जाए। इसके लिए प्रशासन तथा संबंधित विभाग को भी निर्देश दिए जा चुके हैं।
पशुपालन विभाग के उपनिदेशक संजीव धीमान ने बताया कि जवालामुखी में काऊ सेंक्चुअरी का कार्य पूरा जो चुका है। जिला में आवारा पशुओं से निजात के लिए पांच अन्य जगहों पर भी कार्य प्रगति पर है। इससे किसानों का नुकसान रूकेगा। सड़क हादसे भी कम होंगे। सबसे सुखद यह है कि पशुधन को साफ सुथरा आश्रय मिलेगा। हम इसका शीघ्र शुभारंभ करेंगे, ताकि बेसहारा पशुओं के कारण किसानों को कोई समस्या न हो।