केंद्रीय औषधि प्रयोगशाला कसौली में परीक्षण के लिए पहुंचे कोविड-19 वैक्सीन कार्बेवैक्स के बैच
Covid Vaccine Cobevax कोरोना संक्रमण पर वार के लिए जल्द ही एक और कोविड-19 वैक्सीन कॉर्बेवैक्स बाजार में आने वाली है। यह वैक्सीन व्यस्कों के लिए होगी। जानकारी के अनुसार कंपनी द्वारा नवंबर के अंत तक अपने कोविड-19 वैक्सीन कार्बेवैक्स को बाजार में उतारने के लिए तैयारी कर रही है।
सोलन, मनमोहन वशिष्ठ। Covid Vaccine Cobevax, कोरोना संक्रमण पर वार के लिए जल्द ही एक और कोविड-19 वैक्सीन कॉर्बेवैक्स बाजार में आने वाली है। यह वैक्सीन व्यस्कों के लिए होगी। सूत्रों से पता चला है कि केंद्रीय औषधि प्रयोगशाला (सीडीएल) कसौली में हैदराबाद स्थित वैक्सीन निर्माता कंपनी बायोलाजिकल ई की कोविड-19 वैक्सीन के कई बैच परीक्षण के लिए पहुंच गए हैं। जानकारी के अनुसार कंपनी द्वारा नवंबर के अंत तक अपने कोविड-19 वैक्सीन कार्बेवैक्स को बाजार में उतारने के लिए तैयारी कर रही है।
देश में किसी भी वैक्सीन को बाजारों में उतारने से पहले देश की एकमात्र केंद्रीय औषधि प्रयोगशाला (सीडीएल) कसौली से अनुमति लेना जरूरी होता है। इसके लिए वैक्सीन की गुणवत्ता जांचने व परखने के लिए बैच सीडीएल में भेजे जाते हैं। बायोलाजिकल ई ने भी कॉर्बेवैक्स के कई बैच परीक्षण के लिए सीडीएल कसौली में भेजे हैं।
सीडीएल के सूत्रों के अनुसार यह बैच बीते रोज ही यहां पहुंचे हैं। अब इन बैचों पर परीक्षण प्रक्रिया होगी जो करीब दो सप्ताह तक चलेगी। परीक्षण में सही पाए जाने पर सीडीएल से कंपनी को वैक्सीन को बाजार में उतारने का सर्टिफिकेट मिल जाएगा, जिसके बाद वैक्सीन को बाजार में उतारा जाएगा।
1,20,58,26,107 कोविड वैक्सीन डोज जारी
सीडीएल कसौली अभी तक विभिन्न कंपनियों की कोरोना वैक्सीन की एक अरब, 20 करोड़ से अधिक वैक्सीन डोज का परीक्षण करने के बाद जारी कर चुका है, इसमें कोविशील्ड, कोवाक्सिन, मॉडरना वैक्सीन, जॉनसन एंड जॉनसन वैक्सीन, स्पूतनिक वी वैक्सीन, जायकोव-डी आदि वैक्सीन के डोज शामिल है। 22 अक्टूबर तक सीडीएल
से 1,20,58,26,107 कोविड वैक्सीन डोज रिलीज्ड किए जा चुके हैं। अब कॉर्बेवैक्स के सैंपल बैच परीक्षण के लिए आ गए हैं। कोरोना वायरस के खिलाफ अब कई वैक्सीन देश में उपलब्ध हो गई हैं। कोरोना काल में सीडीएल के
कर्मचारियों व अधिकारियों की मेहनत का नतीजा है कि आज देश में एक अरब, 20 करोड़ से अधिक वैक्सीन डोज का सफल परीक्षण किया जा चुका है और उसका लाभ देश के लोगों को मिल रहा है।