तीन दशक में चार से 50 लाख तक पहुंची पर्यटकों की आमदन, कोविड महामारी ने तोड़ी कमर
World Tourism Day कुल्लू मनाली की वादियां देश ही नही विदेश में भी लगातार अपनी अलग पहचान बनाती जा रही हैं। 90 के दशक में चार लाख पर्यटकों को अपनी ओर आकर्षित करने वाली मनाली की वादियों में अब 45 से 50 लाख पर्यटक हर साल घूमने आ रहे हैं।
मनाली, जागरण संवाददाता। कुल्लू मनाली की वादियां देश ही नही विदेश में भी लगातार अपनी अलग पहचान बनाती जा रही हैं। 90 के दशक में तीन से चार लाख पर्यटकों को अपनी ओर आकर्षित करने वाली कुल्लू मनाली की वादियों में अब 45 से 50 लाख पर्यटक हर साल घूमने आ रहे हैं। लेकिन मार्च 2020 के बाद कोरोना के चलते पर्यटन कारोबारियों की कमर टूटी है। पहली लहर ने सबसे अधिक नुकसान किया है। हालात इतने बिगड़ गए कि लाकडाउन के दौरान सभी होटलों में ताले लग गए। दूसरी लहर भी पर्यटन कारोबारियों को कोई खास राहत नहीं दे पाई है। 23 मार्च 2020 को लाकडाउन लगने के बाद कुल्लू मनाली के आधे होटल आज तक नहीं खुल पाए हैं।
पर्यटन कारोबारी अब आने वाली तीसरी लहर के नाम से डरने लगे हैं। हालांकि 18 साल के ऊपर के अधिकतर लोगों को कोरोना का टीका लगने से हालात पहले जैसे नहीं रहे हैं लेकिन कोरोना से बिगड़े हालात जल्द पटरी पर न आए और सरकार ने पर्यटन कारोबारियों की मदद नहीं कि तो पर्यटन कारोबार खतरे में पड़ सकता है। कुल्लू मनाली के पर्यटन कारोबारी दो साल से विश्व पर्यटन दिवस नहीं मना पा रहे हैं। दैनिक जागरण ने जिला के पर्यटन कारोबारियों से बातचीत की और पर्यटन को फिर से फलने फुलने को लेकर चर्चा की।
रेस्तरां संचालक शमशेर ठाकुर ने कहा कोरोना के चलते मार्च 2020 से पर्यटन कारोबार चौपट हुआ है। जिला में अधिकतर होटल आज भी बंद चल रहे हैं। कोरोना की दूसरी लहर के दौरान हालांकि छुटपुट काम हुआ है लेकिन 2020 में कोरोना के कारण टूटी कमर सीधी नहीं हो पाई है। सरकार से आग्रह है कि सभी प्रकार के टैक्स में छूट दे।
होटल संचालक रोशन ठाकुर ने कहा कुल्लू मनाली में लोगों ने बैंक से लोन लेकर होटल बनाए हैं। कोरोना के दौरान बैंक की किश्त तो दूर लोग होटल के खर्च नहीं निकाल पाए हैं। पर्यटन कारोबारी दूसरी बार निराश मन से विश्व पर्यटन दिवस मना रहे हैं। सरकार से आग्रह है कि बैंकों के लॉन माफ किए जाएं ताकि कुल्लू मनाली में पर्यटन कारोबार पटरी पर लौट सके।