निजी विश्वविद्यालयों में सैन्य अधिकारियों के लिए शुरू होंगे कोर्स, डिफेंस सेल का किया जाएगा गठन

प्रदेश में निजी क्षेत्र में चल रहे विश्वविद्यालयों में डिफेंस सेल का गठन किया जाएगा। निजी विश्वविद्यालय में सैन्य अधिकारियों के लिए कई तरह के कोर्स भी शुरू किए जाएंगे। निजी विश्वविद्यालयों में सैन्य अधिकारियों की उच्च शिक्षा के लिए कोर्स शुरू करने पर सोमवार को चर्चा होगी।

By Virender KumarEdited By: Publish:Sun, 01 Aug 2021 08:37 PM (IST) Updated:Sun, 01 Aug 2021 08:37 PM (IST)
निजी विश्वविद्यालयों में सैन्य अधिकारियों के लिए शुरू होंगे कोर्स, डिफेंस सेल का किया जाएगा गठन
निजी विश्वविद्यालयों में सैन्य अधिकारियों की उच्च शिक्षा के लिए कोर्स शुरू करने पर सोमवार को चर्चा होगी। जागरण आर्काइव

शिमला, जागरण संवाददाता। प्रदेश में निजी क्षेत्र में चल रहे विश्वविद्यालयों में डिफेंस सेल का गठन किया जाएगा। निजी विश्वविद्यालय में सैन्य अधिकारियों के लिए कई तरह के कोर्स भी शुरू किए जाएंगे। निजी विश्वविद्यालयों में सैन्य अधिकारियों की उच्च शिक्षा के लिए कोर्स शुरू करने पर सोमवार को चर्चा होगी।

हिमाचल प्रदेश निजी शिक्षण संस्थान नियामक आयोग की पहल पर सेना और निजी विश्वविद्यालय के बीच जल्द ही इस संबंध में एमओयू भी साइन किया जाएगा। सोमवार को इस पर कार्यशाला का आयोजन किया जा रहा है। आयोग के चेयरमैन मेजर जनरल (सेवानिवृत्त) अतुल कौशिक इस कार्यक्रम की अध्यक्षता करेंगे। सेना कमांडर भी बैठक को संबोधित करेंगे। प्रदेश के सभी निजी विश्वविद्यालयों के कुलपति भी इस बैठक में भाग लेंगे। बैठक में पांच सूत्रीय एजेंडे पर चर्चा होगी। आयोग के अध्यक्ष मेजर जनरल अतुल कौशिक ने बताया कि निजी विश्वविद्यालयों में रक्षा एवं रणनीति से संबंधित कोर्स शुरू किए जाएंगे। हिमाचल में निजी क्षेत्र में 17 के करीब विश्वविद्यालय चल रहे हैं, लेकिन सैन्य अधिकारियों के लिए किसी भी तरह के कोर्स अभी तक शुरू नहीं किए गए हैं। इसके लिए यह पहल की जा रही है।

नई शिक्षा नीति पर होगा मंथन

निजी विश्वविद्यालयों के कुलपतियों के साथ दो अगस्त को पीटरहाफ में एक और बैठक आयोजित होगी। इसमें नई शिक्षा नीति को कैसे लागू करना है इस पर चर्चा की जाएगी। नियामक आयोग के अध्यक्ष मेजर जनरल अतुल कौशिक ने बताया कि बैठक में नई शिक्षा नीति लागू होने के बाद शिक्षा के क्षेत्र में कई तरह के बदलाव होने हैं। विश्वविद्यालय को इस बारे में जानकारी दी जाएगी। नई नीति को कैसे लागू करना है, विश्वविद्यालय को क्या दिक्कतें आ रही है इस पर विस्तृत रूप से चर्चा की जाएगी।

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