Coronavirus Alert: ऊना से आठ मरीज बद्दी और एक टांडा अस्पताल शिफ्ट, यहां बनाया गया रेड जोन

Coronavirus Alert हिमाचल प्रदेा में कोरोना पॉजिटिव मरीजों की बढ़ी तादाद से लोगों में दहशत का माहौल है।

By Rajesh SharmaEdited By: Publish:Wed, 08 Apr 2020 12:16 PM (IST) Updated:Wed, 08 Apr 2020 01:00 PM (IST)
Coronavirus Alert: ऊना से आठ मरीज बद्दी और एक टांडा अस्पताल शिफ्ट, यहां बनाया गया रेड जोन
Coronavirus Alert: ऊना से आठ मरीज बद्दी और एक टांडा अस्पताल शिफ्ट, यहां बनाया गया रेड जोन

ऊना/सोलन/कांगड़ा, जेएनएन। हिमाचल प्रदेा में कोरोना पॉजिटिव मरीजों की बढ़ी तादाद से लोगों में दहशत का माहौल है। प्रदेश में मरीजों की तादाद 28 हो गई है। इनमें 20 लोग तब्लीगी जमात से जुड़े हैं। ऊना जिला में एक दिन में ही नौ काेरोना पॉजिटिव मरीज सामने आने से ऊना में बुधवार को लॉकडाउन के दौरान कोई ढील नहीं दी गई। कोरोना पॉजिटिव लोगों की संख्या बढ़ने के कारण ज़िला प्रशासन ने कर्फ्यू में ढील खत्म कर दी है। कोई भी दुकान व संस्थान आगामी आदेशों तक खुली नहीं रहेगी। संक्रमित मरीजों को बद्दी के एएसआइ अस्पताल में शिफ्ट किया गया है। बद्दी के इस क्षेत्र को रेड जोन घोषित कर दिया गया है।

ऊना में पहले सामने आए कोरोना पॉजिटिव रहे तीन लोगों के सीधे संपर्क में रहे इन लोगों को पहले ही क्वारंटाइन कर दिया गया था। उनको पूरी निगरानी में रखा गया था। इन लोगों को कुठेड़ा खैरला गांव से दूसरी जगह शिफ्ट किया गया था। इन लोगों में आठ का संबंध जमात से है, जबकि एक स्थानीय व्यक्ति भी पॉजिटिव पाया गया है। आठ लोगों को बद्दी और एक को डॉक्टर राजेंद्र प्रसाद मेडिकल कॉलेज एवं अस्पताल टांडा रेफर किया गया है। प्रशासन की और से इनको पूरी सुरक्षा के बीच बद्दी व टांडा ले जाया गया।

कुठेड़ा खैरला गांव के तीन किलोमीटर क्षेत्र कॉर्डन ऑफ किया गया है, यहां लोगों की मूवमेंट पूरी तरह से बंद कर दी गई है। पांच किलोमीटर क्षेत्र को बफ़र ज़ोन बनाया गया। पुलिस का सख्त पहरा है। ये लोग कुठेड़ा खैरला मस्ज़िद में काफी समय से थे। अब उनसे पूछताछ पूरी होनी है। कुठेड़ा खैरला क्षेत्र को सैनिटाइज किया गया है।

अब तक हिमाचल में काेरोना वायरस से दो मरीजों की मौत हो गई है व दो स्वस्थ हाेकर घर लौट गए हैं। सोलन जिला के बद्दी में सामने आए चार मरीज मेदांता अस्पताल शिफ्ट हो गए हैं, जबकि बाकी मरीजों का टांडा, आइजीएमसी शिमला, नेरचौक मेडिकल कॉलेज एवं अस्पताल और इएसअाइ बद्दी में उपचार किया जा रहा है।

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