स्कूली पढ़ाई पर कोरोना की साया

पिछले एक सप्ताह से कांगड़ा जिले में कोरोना संक्रमण के मामले बढ़ रहे हैं। दो सप्ताह पहले रोजाना संक्रमण के मामले 20 से 30 आ रहे थे लेकिन पिछले एक सप्ताह से इनकी संख्या तीन गुना हो गई है। अब हर रोज 60 से 80 नए मामले आ रहे हैं। शनिवार को तो कोरोना संक्रमितों की संख्या 100 पार यानी 116 पहुंच गई थी। चिंतनीय यह है कि अब स्कूली बच्चे वैश्विक महामारी की चपेट में आ रहे हैं। 16 से 23 अक्टूबर तक के आंकड़ों की बात की जाए तो जिले में 564 मामले आए हैं और इनमें 66 स्कूली बच्चे शामिल हैं। एक छात्रा की मौत कोरोना संक्रमण से हुई है। इसका मुख्य कारण यह भी है कि 18 वर्ष से कम आयु वालों को अभी तक कोरोना वैक्सीन नहीं लगाई गई है। ऐसे में एहतियात ही विद्यार्थियों व स्कूल प्रबंधन के पास एकमात्र हथियार है।

By JagranEdited By: Publish:Mon, 25 Oct 2021 06:00 AM (IST) Updated:Mon, 25 Oct 2021 06:00 AM (IST)
स्कूली पढ़ाई पर कोरोना की साया
स्कूली पढ़ाई पर कोरोना की साया

पिछले एक सप्ताह से कांगड़ा जिले में कोरोना संक्रमण के मामले बढ़ रहे हैं। दो सप्ताह पहले रोजाना संक्रमण के मामले 20 से 30 आ रहे थे लेकिन पिछले एक सप्ताह से इनकी संख्या तीन गुना हो गई है। अब हर रोज 60 से 80 नए मामले आ रहे हैं। शनिवार को तो कोरोना संक्रमितों की संख्या 100 पार यानी 116 पहुंच गई थी। चिंतनीय यह है कि अब स्कूली बच्चे वैश्विक महामारी की चपेट में आ रहे हैं। 16 से 23 अक्टूबर तक के आंकड़ों की बात की जाए तो जिले में 564 मामले आए हैं और इनमें 66 स्कूली बच्चे शामिल हैं। एक छात्रा की मौत कोरोना संक्रमण से हुई है। इसका मुख्य कारण यह भी है कि 18 वर्ष से कम आयु वालों को अभी तक कोरोना वैक्सीन नहीं लगाई गई है। ऐसे में एहतियात ही विद्यार्थियों व स्कूल प्रबंधन के पास एकमात्र हथियार है।

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तिथि, नए मामले, स्वस्थ, मौत, सक्रिय, संक्रमित विद्यार्थी

-16 अक्टूबर, 62, 42, 2, 438, 0

-17 अक्टूबर, 26, 36, 0, 428, 3

-18 अक्टूबर, 86, 60, 3, 451, 1

-19 अक्टूबर, 68, 55, 1, 463, 2

-20 अक्टूबर, 44, 9, 0, 498, 5

-21 अक्टूबर, 75, 48, 2, 523, 11

-22 अक्टूबर, 87, 62, 1, 547, 13

-23 अक्टूबर, 116, 39, 0, 624, 32

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प्रशासन व शिक्षा विभाग की चिंता बढ़ी

पिछले एक सप्ताह से बढ़े कोरोना के मामलों के बीच स्कूली विद्यार्थी ज्यादा संक्रमित हो रहे हैं। जिले में 16 से 23 अक्टूबर तक 66 स्कूली बच्चे संक्रमित हुए हैं, जबकि एक छात्रा की मौत हो चुकी है। हालांकि पिछले सप्ताह से हर रोज लगातार दो से तीन स्कूली छात्र संक्रमित हो रहे थे, लेकिन 21 अक्टूबर से टोंगलेन हाई स्कूल सराह से बच्चों से संक्रमण का दौर ऐसा शुरू हुआ है कि जिला प्रशासन व शिक्षा विभाग की चिंता बढ़ गई है।

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शनिवार को टूटे रिकार्ड

शनिवार को विद्यार्थियों के संक्रमित होने के सारे रिकार्ड टूट गए। शनिवार को निजी व सरकारी स्कूलों के 32 विद्यार्थी कोरोना संक्रमित हुए। सीनियर सेकेंडरी स्कूल गाहलियां के 11, जागल स्कूल के पांच, जेएनवी पपरोला, इंदौरा, लंज, नगरोटा बगवां, अटयालादाई, टीसीवी धर्मशाला व घाड़ स्कूलों के विद्यार्थी भी वैश्विक महामारी की चपेट में आए हैं।

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आठ दिन में 564 संक्रमित, नौ की मौत

16 से 23 अक्टूबर तक जिले में कुल 564 लोग कोरोना संक्रमित हुए हैं, जबकि 352 स्वस्थ हुए हैं। आठ दिन में नौ कोरोना संक्रमितों की मौत हुई है। इनमें राजकीय वरिष्ठ माध्यमिक माध्यमिक पाठशाला सलेटी की नौवीं की छात्रा भी शामिल है।

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पिछले एक सप्ताह से जिले में कोरोना संक्रमण के मामले बढ़ रहे हैं। चिंतनीय यह है कि स्कूली बच्चे भी संक्रमित हो रहे हैं। शिक्षा विभाग को निर्देश दिए हैं कि जिन स्कूलों में बच्चे या शिक्षक संक्रमित होते हैं, उन्हें कम से कम 24 घंटे के लिए बंद रखें। जनता को भी कोरोना के खिलाफ जागरूक होना पड़ेगा।

-डा. गुरदर्शन गुप्ता, मुख्य चिकित्सा अधिकारी, कांगड़ा।

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कोविड नियमों के अनुसार जिन स्कूलों में संक्रमण के मामले आ रहे हैं, उन्हें नियमों के अनुसार निर्धारित समय तक बंद किया जा रहा है और नियमित सैनिटाइजेशन के बाद ही स्कूल खुल रहे हैं। स्कूलों की कार्यप्रणाली कोविड नियमों के अनुसार ही चलाई जा रही है।

-रेखा कपूर, उपनिदेशक, उच्च शिक्षा विभाग कांगड़ा।

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स्कूली बच्चों को कैसे रखें सुरक्षित

-कोविड-19 प्रोटोकाल का पालन किया जाना जरूरी है।

-बच्चों की वैक्सीन नहीं आई है लेकिन उनके घर के बड़े व बुजुर्ग लोग सबसे पहले वैक्सीन लगवाएं।

-अध्यापकों के लिए वैक्सीनेशन अनिवार्य हो।

-स्कूल में विद्यार्थियों, शिक्षकों व स्टाफ के लिए मास्क लगाना अनिवार्य हो।

-कक्षाओं में शारीरिक दूरी के नियमों का पालन किया जाना जरूरी है।

-डेस्क की दूरी तीन फीट से कम नहीं होनी चाहिए।

-शिक्षकों को चाहिए कि बच्चों को छोटे-छोटे ग्रुप में पढ़ाएं।

-स्कूल में छुट्टी या प्रार्थना के दौरान भीड़ का ध्यान रखें।

-जहां तक संभव हो आउटडोर क्लास की व्यवस्था करनी चाहिए। अगर नहीं है तो क्लासरूम में पर्याप्त वेंटिलेशन की व्यवस्था करें।

-प्रस्तुति : मुनीष गारिया, धर्मशाला

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