बच्चों के लिए जल्द आ सकती है कोरोना वैक्सीन, केंद्रीय औषधि प्रयोगशाला में जांच के लिए पहुंचा सैंपल

देश में जल्द 12 से 18 वर्ष तक के किशारों को कोरोना वैक्सीन लग सकती है। जायडस कैडिला फार्मा कपंनी की ओर से आपात प्रयोग के लिए तैयार की गई डीएनए आधारित जायकोव-डी वैक्सीन टेस्टिंग के लिए केंद्रीय औषधि प्रयोगशाला (सीडीएल) कसौली पहुंची है।

By Vijay BhushanEdited By: Publish:Thu, 30 Sep 2021 09:31 PM (IST) Updated:Thu, 30 Sep 2021 09:31 PM (IST)
बच्चों के लिए जल्द आ सकती है कोरोना वैक्सीन, केंद्रीय औषधि प्रयोगशाला में जांच के लिए पहुंचा सैंपल
सोलन जिले के कसौली में स्थित केंद्रीय औषधि प्रयोगशाला। जागरण आर्काइव

सोलन, जागरण संवाददाता। देश में जल्द 12 से 18 वर्ष तक के किशारों को कोरोना वैक्सीन लग सकती है। जायडस कैडिला फार्मा कपंनी की ओर से आपात प्रयोग के लिए तैयार की गई डीएनए आधारित जायकोव-डी वैक्सीन टेस्टिंग के लिए केंद्रीय औषधि प्रयोगशाला (सीडीएल) कसौली पहुंची है। यहां से सैंपल पास होने के बाद कंपनी इसका उत्पादन शुरू करेगी।

जायडस कैडिला फार्मा कंपनी की ओर से तैयार की जा रही जायकोव-डी दुनिया की पहली डीएनए आधारित वैक्सीन है। इसे 12 वर्ष से अधिक आयु के किशारों के लिए तैयार किया गया है। जायकोव-डी कोरोना से लडऩे में 66.6 फीसद सक्षम मानी जा रही है। कंपनी ने इस वैक्सीन का 28 हजार लोगों पर ट्रायल किया है। कोविड-19 जायकोव-डी की तीन डोज लगाई जाएंगी, जो निश्शुल्क होंगी। कंपनी ने भारत सरकार के जैव प्रौद्योगिकी विभाग के साथ मिलकर कोविड सुरक्षा अभियान के तहत डीएनए आधारित वैक्सीन पर शोध किया था। बताया जा रहा है कि कंपनी की प्रत्येक माह एक करोड़ वैक्सीन उत्पादन की क्षमता है।

बच्चों को लगाई जाएंगी तीन डोज

बच्चों को जायकोव-डी की तीन डोज लगाई जाएंगी। दूसरी डोज 28 और तीसरी 56 दिन बाद लगेगी। इसके लिए स्वास्थ्य विभाग के कर्मचारियों को प्रशिक्षण दिया जाएगा। इस तकनीक को फार्मा जेट नीडल फ्री एप्लीकेटर कहा जाता है। इस तकनीक से लगने वाले इंजेक्शन के साइड इफेक्ट काफी कम होते हैं। दवा को बिना सुई वाले इंजेक्शन में भरा जाता है और मशीन में लगाकर बाजू पर लगाया जाता है। प्रशिक्षण पूरा होने के बाद ही देशभर में स्वास्थ्य विभाग की ओर से वैक्सीन का अभियान शुरू किया जाएगा।

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जायडस कैडिला फार्मा कंपनी की ओर से तैयार की गई डीएनए वैक्सीन जायकोव-डी के सैंपल जांच के लिए आए हैं। कंपनी से लाइसेंस व अन्य औपचारिकतांए पूरी करवाई जा रही हैं। इसके बाद सैंपल की जांच शुरू की जाएगी।

-डा. अरुण भारद्वाज, निदेशक, सीडीएल लैब कसौली

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