कोरोना : रोजगार से हटाया, स्वरोजगार में लगाया

प्रवीण कुमार शर्मा ज्वालामुखी पिछले डेढ़ साल में कोरोना के कारण न केवल कई लोगों

By JagranEdited By: Publish:Thu, 01 Jul 2021 02:00 AM (IST) Updated:Thu, 01 Jul 2021 02:00 AM (IST)
कोरोना : रोजगार से हटाया, स्वरोजगार में लगाया
कोरोना : रोजगार से हटाया, स्वरोजगार में लगाया

प्रवीण कुमार शर्मा, ज्वालामुखी

पिछले डेढ़ साल में कोरोना के कारण न केवल कई लोगों की जान गई है बल्कि कई युवाओं को नौकरी से भी हाथ धोना पड़ा है। ऐसे में कुछ युवाओं ने हिम्मत नहीं हारी और उन्होंने स्वरोजगार की ओर कदम बढ़ाकर जीवन में आत्मनिर्भरता का संकल्प लिया है। ऐसा ही एक उदाहरण पेश किया है अतुल कुमार ने।

ज्वालामुखी उपमंडल के तहत चंबापतन में ब्यास नदी पर बने पुल के किनारे पिछले एक महीने से आ रही फूड वैन न केवल फास्ट फूड के चहेतों को अपनी ओर आकर्षित कर रही है बल्कि एक उच्च शिक्षित युवा की स्वरोजगार की पहल को भी खूब सराहा जा रहा है। यहां शाम के समय सैर-सपाटे के लिए आने वाले लोगों को अतुल धीमान की फूड वैन जायकेदार फास्ट फूड के लिए आकर्षित कर रही है। फूड वैन का संचालन होटल मैनेजमेंट कर बैठे अतुल व उसके छोटे भाई, जो कि कृषि विश्वविद्यालय पालमपुर में कनिष्ठ अभियंता कार्यरत हैं, कर रहे हैं। यही नहीं दोनों युवाओं के सेवानिवृत्त शिक्षक पिता सतीश धीमान भी बच्चों की कामयाबी के लिए बराबर हौसला बढ़ा रहे हैं। हालांकि फूड वैन का संचालन शुरू हुए कुछ ही समय हुआ है लेकिन युवाओं को भरोसा है कि उनकी मेहनत रंग लाएगी और वे आत्मनिर्भर बनेंगे।

अतुल धीमान बताते हैं कि होटल मैनेजमेंट के बाद गुरुग्राम में एक फाइव स्टार होटल में कार्यरत थे। पिछले साल लाकडाउन में नौकरी चली गई। दोबारा से वे काम पर लौटे भी लेकिन आय का कोई उचित साधन नहीं बन पाया। फिर इरादा किया कि अब अपना व्यवसाय शुरू किया जाए। घर पर पिता से बात की और मेरठ से फूड वैन बनवाई और अब कार्य शुरू किया है। हर दिन ग्राहक बढ़ रहे हैं।

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मैं पालमपुर में कृषि विश्वविद्यालय में कनिष्ठ अभियंता हूं। छुट्टी के दिन भाई के साथ हाथ बंटवा रहा हूं। फूड वैन के जरिये हमने लोगों को नजदीक ही क्वालिटी का फास्ट फूड मुहैया करवाने का संकल्प लिया है। लोग इसे पसंद कर रहे हैं।

-अंकुश धीमान

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मैं राजकीय वरिष्ठ माध्यमिक पाठशाला घलोर से बतौर ड्राइंग टीचर सेवानिवृत्त हुआ हूं। बेटे ने होटल मैनेजमेंट के बाद कई बड़े होटलों में कार्य किया है। अब उसने खुद का व्यवसाय चलाने की हामी भरी है और हम उसका हाथ बंटवा रहे हैं।

-सतीश धीमान. सेवानिवृत्त अध्यापक

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