कांगड़ा के निजी अस्पतालों में भी होगा कोरोना मरीजों का इलाज, आठ चयनित

Kangra Covid Hospital प्रशासन ने जिले के आठ निजी अस्पतालों को कोरोना मरीजों के इलाज के लिए अधिकृत किया है। 50 बिस्तर से अधिक की क्षमता वाले निजी अस्पतालों के 50 फीसद बेड कोविड-19 के रोगियों के लिए आरक्षित करने का निर्णय लिया गया है।

By Edited By: Publish:Wed, 28 Apr 2021 04:25 AM (IST) Updated:Wed, 28 Apr 2021 11:10 AM (IST)
कांगड़ा के निजी अस्पतालों में भी होगा कोरोना मरीजों का इलाज, आठ चयनित
प्रशासन ने जिले के आठ निजी अस्पतालों को कोरोना मरीजों के इलाज के लिए अधिकृत किया है।

धर्मशाला, जागरण संवाददाता। कोरोना संक्रमण के बढ़ते मामलों को देखते हुए प्रशासन ने जिले के आठ निजी अस्पतालों को कोरोना मरीजों के इलाज के लिए अधिकृत किया है। 50 बिस्तर से अधिक की क्षमता वाले निजी अस्पतालों के 50 फीसद बेड कोविड-19 के रोगियों के लिए आरक्षित करने का निर्णय लिया गया है। जिला निगरानी अधिकारी एवं मुख्य चिकित्सा अधिकारी की ओर से रेफरल के बाद निजी अस्पतालों में कोविड रोगियों को भर्ती किया जाएगा। आइसीएमआर से अनुमोदित प्रयोगशाला में पुष्टि की गई है कोविड पॉजिटिव रोगियों को सीधे भी स्वीकार किया जाएगा।

सीएमओ कांगड़ा ने बताया कि प्रत्येक माध्यमिक स्तर के समर्पित आइसोलेशन सुविधा के लिए एक नोडल अधिकारी को तैनात किया जाएगा। इसके साथ ही जिला प्रशासन ने निजी अस्पतालों में भर्ती होने वाले मरीजों के लिए शुल्क भी तय किए हैं।

वेंटिलेटर के साथ-साथ आक्सीजन की आवश्यकता वाले रोगियों के लिए आठ हजार रुपये प्रति बिस्तर प्रति दिन की दर निर्धारित की गई है जबकि आक्सीजन की जरूरत न होने वाले रोगियों के लिए यह दर तीन हजार रुपये प्रति बिस्तर प्रतिदिन रहेगी। जिन मरीजों को न तो वेंटिलेटर और न ही आक्सीजन की आवश्यकता है, उनके लिए 800 रुपये प्रति बिस्तर रोजाना की दर निर्धारित की गई है। मुख्य चिकित्सा अधिकारी शुरू में इन अस्पतालों को 50 पीपीई किट और 100 एन-95 मास्क प्रदान करेंगे और इसके बाद वास्तविक आवश्यकता के आधार पर सामान की आपूर्ति की जाएगी।

अपने स्तर पर निजी अस्पताल गए तो खर्च भी खुद ही वहन करना होगा

उपायुक्त कांगड़ा राकेश प्रजापति ने कहा कि प्रशासन की ओर से निजी अस्पतालों के लिए तय किया गया शुल्क केवल अपने स्तर पर निजी अस्पतालों में भर्ती होने वाले मरीजों को ही देना होगा। अगर कोई मरीज मुख्य चिकित्सा अधिकारी की ओर से रेफर कर निजी अस्पताल में भेजा जाता है तो उसे कोई भी शुल्क नहीं देना पड़ेगा। इसके विपरीत अगर कोई स्वेच्छा से निजी अस्पताल जाता है तो उसका खर्च सरकार नहीं उठाएगी। उन्होंने जनता से अपील की है कि अगर कोई साधन संपन्न लोग कोरोना पॉजिटिव होते हैं तो वे निजी अस्पतालों में भर्ती होकर सरकार का आर्थिक रूप से सहयोग करें। कोरोना के इस काल में ऐसे लोगों के सहयोग की जरूरत है।

इन अस्पतालों में मिलेगी सुविधा

सूर्या अस्पताल राजा का तालाब, श्रीबालाजी अस्पताल कांगड़ा, हिमाचल हेल्थ केयर/फोर्टिस अस्पताल कांगड़ा, मेपल लीफ कांगड़ा, सिटी अस्पताल घुरकड़ी, विवेकानंद मेडिकल इंस्टीट्यूट पालमपुर, नवजीवन अस्पताल ज्वालामुखी तथा डेलेक अस्पताल धर्मशाला में कोरोना मरीजों को भर्ती किया जा सकेगा।

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