नूरपुर के चरुड़ी में प्रशासन व परिवार के सदस्यों ने दफनाया कोरोना संक्रमित महिला का शव Kangra News

Corona Infected Women Body Burried नूरपुर उपमंडल की चरुड़ी पंचायत के मैहटा गांव की 51 वर्षीय महिला का कोरोना संक्रमण के कारण सेना अस्पताल जालंधर में निधन हो गया। उनके शव को कोविड प्रोटोकॉल के तहत प्रशासन व परिवार के सदस्यों की उपस्थिति में अंतिम विदाई दी गई।

By Rajesh Kumar SharmaEdited By: Publish:Tue, 18 May 2021 08:53 AM (IST) Updated:Tue, 18 May 2021 08:53 AM (IST)
नूरपुर के चरुड़ी में प्रशासन व परिवार के सदस्यों ने दफनाया कोरोना संक्रमित महिला का शव Kangra News
नूरपुर उपमंडल की चरुड़ी पंचायत में कोविड प्रोटोकॉल के तहत कोरोना संक्रमित महिला को दफनाते स्‍वजन व प्रशासन।

नूरपुर, संवाद सहयोगी। कोरोना संकट में लोगों की बात तो छोड़ो, अपने ही अपनों से किनारा कर रहे हैं। लोगों के मन में इस महामारी के प्रति फैलाई गई भ्रांतियों के कारण बीमारी से ज्यादा समाज में अपनों की दूरियों का ख़ौफ ज्यादा सता रहा है। प्रदेश सरकार तथा जिला प्रशासन के कोरोना संक्रमित परिवारों की हर मदद के लिए उनके साथ खड़े होने से उन्‍हें जरूर हौंसला मिला है। वहीं इस महामारी की लड़ाई में अपनी जिंदगी की जंग हारने वाले लोगों की अंतिम विदाई भी पूरे सम्मान के साथ सुनिश्चित हो रही है।

सोमवार को नूरपुर उपमंडल की चरुड़ी पंचायत के मैहटा गांव की 51 वर्षीय महिला का कोरोना संक्रमण के कारण सेना अस्पताल जालंधर में निधन हो गया। उनके शव को कोविड प्रोटोकॉल के तहत प्रशासन व परिवार के सदस्यों की उपस्थिति में अंतिम विदाई दी गई। उनके शव को उनके गांव में पूरे विधि विधान के साथ दफना दिया गया। इस दौरान एसडीएम डॉ सुरेंद्र ठाकुर, बीडीओ डॉक्‍टर रोहित शर्मा, परिवार व पंचायत के सदस्यों सहित भाजयुमो के प्रदेश सचिव भवानी पठानिया भी मौजूद रहे।

एसडीएम डॉ. सुरेंद्र ठाकुर ने बताया कि महिला का निधन जालंधर में होने की सूचना प्रशासन को मिली तो उनके शव को उनके पैतृक गांव लाने के लिए सभी औपचारिकताएं पूर्ण करवाई गईं। उन्होंने बताया इस महिला के अंतिम संस्कार के लिए प्रशासन की ओर से पीपीई किट उपलब्ध करवाई गई तथा पूरे कोविड प्रोटोकॉल के साथ अंतिम संस्कार की रस्म निभाई गई।

उन्होंने बताया कि कोविड के कारण जिन मरीजों की मौत हो रही थी तो प्रशासन के साथ केवल गिने चुने लोग ही  मदद के लिए आगे आ रहे थे। लेकिन प्रदेश सरकार के  प्रयासों से अब न केवल परिवार के सदस्य बल्कि समाज के अन्य लोग भी आगे आने लगे हैं।

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