अनुबंधित कर्मचारियों को नहीं मिलेगा वरिष्ठता का लाभ, मुख्यमंत्री ने दिया नियमों का हवाला

मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने नियमों का हवाला देते हुए कहा कि अनंबंधित कर्मचारियों को वरिष्‍ठता का लाभ नहीं दिया जा सकता।

By Babita kashyapEdited By: Publish:Fri, 13 Dec 2019 12:58 PM (IST) Updated:Fri, 13 Dec 2019 12:58 PM (IST)
अनुबंधित कर्मचारियों को नहीं मिलेगा वरिष्ठता का लाभ, मुख्यमंत्री ने दिया नियमों का हवाला
अनुबंधित कर्मचारियों को नहीं मिलेगा वरिष्ठता का लाभ, मुख्यमंत्री ने दिया नियमों का हवाला

धर्मशाला, राज्य ब्यूरो। अनुबंध पर कार्यरत कर्मचारियों को वरिष्ठता का लाभ नहीं मिलेगा। इन कर्मियों को सरकार ने कोई राहत नहीं दी है। ये लंबे अरसे से ज्वाइनिंग डेट से ही वरिष्ठता का लाभ देने की मांग कर रहे हैं। राज्य विधानसभा में प्रश्नकाल के दौरान कांग्रेस विधायक राजेंद्र राणा की ओर से उठाए गए सवाल के लिखित जवाब में मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने नियमों का हवाला दिया।

उन्होंने कहा कि सरकारी सेवा में कार्यरत सभी कर्मचारियों को वरिष्ठता उनकी नियमितीकरण की तिथि से दिए जाने का प्रावधान है। नियमित नियुक्ति के विपरीत अनुबंध आधार पर नियुक्त कर्मचारियों पर विभिन्न सेवा से संबंधित नियम लागू नहीं होते हैं। ऐसी नियुक्ति एक अस्थायी व्यवस्था है। यह अनुबंध हर वर्ष सशर्त आगे बढ़ाया जाता है। ऐसे में अनुबंध पर प्रदान की गई सेवा अवधि को वरिष्ठता का लाभ दिया जाना प्रशासनिक रूप से तर्कसंगत नहीं है। 

तीन साल के बाद नियमित 

अनुबंध आधार पर जिन कर्मियों की नियुक्ति होती है, वे तीन साल बाद नियमित किए जाते हैं। पहले पांच साल की अवधि के बाद नियमित होते थे। पूर्व कांग्रेस सरकार ने यह अवधि घटाकर तीन वर्ष की थी। अब इसे दो वर्ष करने

की मांग उठ रही है।  

सोलन, चंबा में एंटी ट्रैफकिंग यूनिट बनेगी

मंडी के सरकाघाट क्षेत्र की एक वृद्धा से क्रूरता मामले में पुलिस ने 24 व्यक्तियों को हिरासत में लिया था। सरकार ने महिलाओं की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए कई ठोस कदम उठाए हैं। यह जानकारी मुख्यमंत्री जयराम

ठाकुर ने दी। नेता प्रतिपक्ष मुकेश अग्निहोत्री के सवाल के लिखित उत्तर में उन्होंने कहा कि सोलन और चंबा में एंटी ट्रैफकिंग यूनिट स्थापित की जाएगी। इन यूनिटों के गठन की प्रक्रिया चल रही है। चार जिलों कांगड़ा, शिमला, कुल्लू व सिरमौर में गठन हो चुका है। दो जिलों लाहुल और किन्नौर को छोड़कर सभी जिलों में महिला थाने खोले गए हैं। 

इन थानों में महिलाएं अपराध की शिकायत बेझिझक दर्ज करवा सकती हैं। मुख्यमंत्री ने कहा कि पिछले वर्ष प्रदेशभर में महिला उत्पीड़न के 700 मामले दर्ज किए गए थे जबकि इस अवधि में 345 मामले दुष्कर्म जैसे

संगीन जुर्म के दर्ज किए गए। सरकार ने महिलाओं की सुरक्षा और संकट में तत्काल पुलिस सहायता प्रदान करने के लिए पिछले साल 26जनवरी को गुड़िया हेल्पलाइन सेवा आरंभ की। आपातकालीन प्रतिक्रिया समर्थन

प्रणाली 112 की भी पिछले वर्ष 28 नवंबर को शुरुआत की गई थी। महिलाओं की सुरक्षा के लिए शक्ति बटन एप लांच किया है। 

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