सुधीर शर्मा का आरोप: मंडी शिवधाम निर्माण में हुआ भ्रष्‍टाचार, 18 करोड़ का टेंडर 36 करोड़ रुपये में दिया

Congress Leader Sudhir Sharma मुख्यमंत्री के ड्रीम प्रोजेक्ट शिवधाम पर कांग्रेस ने भ्रष्टाचार के आरोप जड़े हैं। सुधीर शर्मा ने शिवधाम के पहले चरण के टेंडर से जुड़े दस्तावेज जारी कर 18 करोड़ का काम 36 करोड़ में देने पर सरकार को घेरा है।

By Rajesh Kumar SharmaEdited By: Publish:Sat, 23 Oct 2021 02:37 PM (IST) Updated:Sat, 23 Oct 2021 02:37 PM (IST)
सुधीर शर्मा का आरोप: मंडी शिवधाम निर्माण में हुआ भ्रष्‍टाचार, 18 करोड़ का टेंडर 36 करोड़ रुपये में दिया
पूर्व मंत्री एवं अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी के सचिव सुधीर शर्मा

मंडी, जागरण संवाददाता। Congress Leader Sudhir Sharma, मुख्यमंत्री के ड्रीम प्रोजेक्ट शिवधाम पर कांग्रेस ने भ्रष्टाचार के आरोप जड़े हैं। पूर्व मंत्री एवं अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी के सचिव सुधीर शर्मा ने शिवधाम के पहले चरण के टेंडर से जुड़े दस्तावेज जारी कर 18 करोड़ का काम 36 करोड़ में देने पर सरकार को घेरा है। उन्होंने कहा कि पर्यटन विभाग मुख्यमंत्री के पास है तथा वह इस मामले की जांच करवाएंगे अन्यथा सत्ता में आते कांग्रेस इसकी जांच करवाएगी। जारी बयान में सुधीर शर्मा ने कहा कि शिवधाम के निर्माण के पहले चरण की निविदायें 20  नवंबर 2020  से 25 नंवंबर- 2020  के बीच आमन्त्रित की गईं थी। इसकी लागत 18 करोड़ रखी गई थी। चार कंपनियों ने टेंडर प्रक्रिया में भाग लिया था। 25  फरवरी 2021 को यह काम मुंबई की एक कंपनी को 36 करोड़ में आवंटित किया गया।

सुधीर शर्मा ने कहा कि इस कार्य के आवंटन में बड़ा भ्रष्टाचार हुआ है तथा सरकार बताए कि यह कार्य 18 करोड़ से 36 करोड़ का कैसे हो गया । इस मामले की जांच करवाकर दोषियों के खिलाफ कार्रवाई करे।  उन्होंने कहा  सरकार बताए कि मुंबई स्थित जिस कंपनी को उक्त काम आवंटित किया गया है, उस कंपनी के प्रोमोटर्स और निदेशक कौन हैं? अगर भाजपा सरकार इस मामले की जांच नहीं करवाती है तो सत्ता में आने पर कांग्रेस इस मामले की जांच करवाएगी।

उन्होंने कहा मंडी नगर को छोटी काशी कहा जाता है। यहां पर भूतनाथ, पचंवक्त्र महादेव, त्रिलोकीनाथ, महामृत्युंज सहित 81 ऐतिहासिक मंदिर हैं, जिसमें अधिकतर की दशा दयनीय है। कई मंदिरों की दीवारों और छतों पर झाडिय़ां उग आई हैं, लेकिन प्रदेश इनप प्राचीन मंदिरों जीर्णोद्वार के बजाए शिवधाम को प्राथमिकता दी है। जहां धार्मिक आस्था की जगह पर्यटन गतिविधियां सरकार की प्राथमिकता है। उन्होंने कहा कि जहां स्वयंभू भूतनाथ हों वहां अन्यत्र स्थान पर शिवधाम की स्थापना समझ से पर रहे है।

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