कम्यूनिस्ट विधायक राकेश सिंघा ने वीरभद्र से की जयराम ठाकुर की तुलना, यह काम कर दिया तो बनेंगे माॅडल
Jairam Thakur Compares Virbhadra माकपा विधायक राकेश सिंघा ने मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर की तुलना हिमाचल की सियासत के सिंह रहे दिवंगत नेता वीरभद्र सिंह से की। एक दिन पहले ही सदन ने कई घंटे उन्हें नमन किया था। अब सिंघा ने कह दिया कि मुख्यमंत्री आप दिल से दयालु हैं।
शिमला, राज्य ब्यूरो। Jairam Thakur Compares Virbhadra, शिमला स्थित हिमाचल प्रदेश विधानसभा में मानसून सत्र के दूसरे दिन मंगलवार को लेफ्ट ने भी राइट पाथ ले लिया। वैचारिक मतभेद से इतर माकपा के विधायक राकेश सिंघा ने मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर की तुलना हिमाचल की सियासत के सिंह रहे दिवंगत नेता वीरभद्र सिंह से की। एक दिन पहले ही सदन ने कई घंटे उन्हें नमन किया था। अब सिंघा ने कह दिया कि मुख्यमंत्री आप दिल से दयालु हैं। आपका स्वभाव ऐसा है। अगर यही रफ्तार रही तो आपने अगर वीरभद्र सिंह को पार नहीं किया तो बराबरी तो करेंगे ही। उनका संकेत साफ था कि जयराम ठाकुर मुख्यमंत्री की बड़ी पारी खेल सकते हैं। असल में उन्होंने न्यू पेंशन स्कीम (एनपीएस) कर्मियों का मामला उठाया था। उन्होंने कहा कि केंद्र की तर्ज पर इन कर्मियों की मौत होने अथवा विकलांगता के कारण नौकरी करने पर असमर्थ रहने की सूरत में हिमाचल भी अतिरिक्त राहत देने की घोषणा करे। विधायक ने कहा अगर यह घोषणा होती है तो मुख्यमंत्री उनके लिए माडल बनेंगे। अगर फैसला लेते हैं तो ये मेरे लिए आदर्श बनेंगे।
कुछ राज्यों ने लागू किया है प्रविधान
केंद्र सरकार की मई, 2009 की अधिसूचना के प्रविधान को कई राज्यों जैसे उत्तराखंड, राजस्थान व असम ने लागू किया है। पंजाब व गुजरात ने इसे नहीं अपनाया है। ङ्क्षसघा ने सवाल उठाया कि अगर पंजाब इसे लागू करता है तो क्या सरकार हिमाचल में इसे फालो करेगी या नहीं।
आर्थिक हालत सुधरे तो एनपीएस कर्मियों को राहत देने पर करेंगे विचार : जयराम
मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने कहा कि हिमाचल वेतन आयोग के मसले पर पंजाब के साथ जुड़ा हुआ है। लेकिन एनपीएस कर्मियों को अतिरिक्त राहत देने का मामला वहां से नहीं जुड़ा है। कोरोना के कारण प्रदेश की आर्थिक स्थिति सही नहीं है। अगर इसमें सुधार हुआ तो सरकार जरूर विचार करेगी। अभी इस मामले का परीक्षण किया जाएगा। एनपीएस कर्मियों की मौत होने पर सरकार ने दस लाख की ग्रेच्युटी बैक डेट से देने का फैसला पहले ही ले रखा है।
52 विभाग में 2114 की मौत
प्रदेश में 2003 के बाद करीब 52 विभाग में 2114 एनपीएस कर्मियों की सेवाकाल के दौरान मौत हुई है। इसमें सबसे ज्यादा लोक निर्माण विभाग के 590, शिक्षा विभाग के 520, जल शक्ति विभाग के 289, वन विभाग के 139 मामले शामिल हैं।