नशा निवारण केंद्रों में अव्‍यवस्‍था की जांच करने पहुंची कमेटी, मनाेरोग चिकित्‍सक तैनात करने का निर्देश

Drug Prevention Centers Una जिला ऊना में कई नशा निवारण केंद्रों की लगातार संदिग्ध गतिविधियां होने के कारण अब प्रशासन को कड़े कदम उठाने पड़ गए हैं। प्रदेश मानसिक प्राधिकरण की तरफ से नशा निवारण केंद्रों को जांच करने के लिए एक कमेटी गठित की गई है।

By Rajesh Kumar SharmaEdited By: Publish:Tue, 21 Sep 2021 01:54 PM (IST) Updated:Tue, 21 Sep 2021 03:11 PM (IST)
नशा निवारण केंद्रों में अव्‍यवस्‍था की जांच करने पहुंची कमेटी, मनाेरोग चिकित्‍सक तैनात करने का निर्देश
नशा निवारण कमेटी ने संतोषगढ़ नगर में नशा निवारण केंद्रों का औचक निरीक्षण किया।

ऊना, जागरण संवाददाता। Drug Prevention Centers Una, जिला ऊना में कई नशा निवारण केंद्रों की लगातार संदिग्ध गतिविधियां होने के कारण अब प्रशासन को कड़े कदम उठाने पड़ गए हैं। प्रदेश मानसिक प्राधिकरण की तरफ से नशा निवारण केंद्रों को जांच करने के लिए एक कमेटी गठित की गई है। जिसका चेयरमैन सीएमओ को बनाया गया है। मंगलवार को नशा निवारण कमेटी के चेयरमैन सीएमओ डाक्‍टर रमन कुमार शर्मा की अगुवाई में टीम ने संतोषगढ़ नगर में नशा निवारण केंद्रों का औचक निरीक्षण किया। टीम में एसडीएम डाक्‍टर निधि पटेल, एएसपी प्रवीण धीमान व मनोरोगी चिकित्सक शामिल थे।

ऊना-संतोषगढ़ मार्ग पर स्थित एक नशा निवारण केंद्र में जैसे ही कमेटी पहुंची। वहां पर आनन-फानन में सभी लोग व्यवस्था को चाक चौबंद करते दिखे। हालांकि कमेटी की तरफ से नशा निवारण केंद्र में चलाई जा रही सभी गतिविधियों को बारीकी से जांचा गया। इस दौरान कमेटी ने केंद्र में दो रोगियों के ठहराव को लेकर कड़ा एतराज जताया। यहां तक कि कमेटी ने उन रोगियों के लिए जल्द पुख्ता इंतजाम किए जाने के निर्देश दिए गए हैं।

हालांकि नशा निवारण केंद्र में कमेटी ने कई व्यवस्था को सुधारने के निर्देश दिए। इस दौरान कमेटी ने केंद्र में आने वाले आगंतुकाें के नाम-पते दर्ज करने की जांच की गई। यहां तक केंद्र में उपचार करवा रहे रोगियों से सुविधाएं मुहैया करवाने को लेकर जानकारी ली गई। इसके बाद जांच कमेटी की तरफ से हाल ही में चर्चा में आए नशा निवारण केंद्र के अंदर व्यवस्थाओं को जांचा गया।

जांच कमेटी के चेयरमैन सीएमओ डाक्‍टर रमन कुमार शर्मा ने कहा नशा निवारण केंद्र में रोगियों की सुविधा के लिए रात्रि समय भी आपात स्थिति में मेल स्टाफ नर्स नियुक्त किया जाए। केंद्र में मनोरोगी चिकित्सक की तैनाती को लेकर सख्त निर्देश दिए गए कि यदि दस दिन के अंदर केंद्र में मनोराेग चिकित्सक की तैनाती नहीं की गई तो कमेटी इस केंद्र को बंद करने का निर्णय ले सकती है।

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