Jairam Thakur Interview: सीएम बोले, कोरोना के कटु अनुभव के बाद विकास पथ पर दौड़ेगा हिमाचल; नए साल में नई ऊर्जा

CM Jairam Thakur Interview कोरोना संकट सिखा गया कि रुकना नहीं टूटना नहीं। राज्य को औद्योगिक विकास की दौड़ में आगे बढ़ाने के लिए कई योजनाएं धरातल पर उतरने वाली है। पर्यटन क्षेत्र में हिमाचल नई उड़ान भरेगा। भविष्य में बहुत कुछ ऐसा नजर आएगा जिससे बेरोजगारी कम हो सकेगी।

By Rajesh Kumar SharmaEdited By: Publish:Tue, 05 Jan 2021 11:23 AM (IST) Updated:Tue, 05 Jan 2021 11:31 AM (IST)
Jairam Thakur Interview: सीएम बोले, कोरोना के कटु अनुभव के बाद विकास पथ पर दौड़ेगा हिमाचल; नए साल में नई ऊर्जा
हिमाचल प्रदेश के मुख्‍यमंत्री जयराम ठाकुर साक्षात्‍कार के दौरान।

शिमला, प्रकाश भारद्वाज। CM Jairam Thakur Interview, कोरोना संकट सिखा गया कि रुकना नहीं, टूटना नहीं। राज्य को औद्योगिक विकास की दौड़ में आगे बढ़ाने के लिए कई योजनाएं धरातल पर उतरने वाली है। पर्यटन क्षेत्र में हिमाचल नई उड़ान भरेगा। भविष्य में बहुत कुछ ऐसा नजर आएगा, जिससे बेरोजगारी की समस्या कम हो सकेगी। राज्य कोरोना के कटु अनुभव के बाद विकास के पथ पर दौडऩे लगेगा। जीवन की जंग में हर पीढ़ी ने लडऩे की सीख ली है। चाहे वह कोरोना से जीतना था, या फिर नई ताकत के साथ आगे बढऩे की जिद करना। सरकार ने बीते साल बहुत कुछ सीखा। नए साल में सरकार नई ऊर्जा और नए संकल्प के साथ आगे बढ़ेगी। यह बात हिमाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने दैनिक जागरण के राज्य ब्यूरो प्रमुख प्रकाश भारद्वाज से विशेष बातचीत में कही। पेश से बातचीत के प्रमुख अंश:

हिमाचल के लिए 2021 कैसा नजर आ रहा है?

कोई शक नहीं है कि गुजरा कल हमें जख्म देने के साथ-साथ बहुत कुछ सिखा गया है। किसी भी मुश्किल से बाहर निकलने के लिए जीतने की इच्छा होनी जरूरी है। सरकार ने कोरोना संकट के बावजूद विकास को रुकने नहीं दिया। लोगों ने अब कोरोना में एहतियात के साथ जीना और काम करना सीख लिया है। सरकार विकासात्मक परियोजनाओं को पूरा करने में गति लाएगी। अर्थव्यवस्था के हर क्षेत्र उद्योग, पर्यटन, कृषि, बागवानी, ऊर्जा, परिवहन सहित मुख्य क्षेत्रों में शीघ्र बड़ी परियोजनाएं शुरू होंगी। जहां पर लाखों की संख्या में प्रत्यक्ष व परोक्ष रूप से बेरोजगार युवाओं को रोजगार के अवसर मिलेंगे।

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औद्योगिक निवेश की बड़ी बातें हुई, धरातल पर कुछ नजर नहीं आया। क्यों?

हमें उम्मीद है कि देश में स्थापित होने वाले एक-एक हजार करोड़ के तीन बल्क ड्रग पार्कों में से एक हिमाचल को मिलेगा। इससे राज्य में 10 हजार करोड़ रुपये का निवेश होगा, वहीं 70 हजार करोड़ रुपये का टर्नओवर होगा। एक फार्मा पार्क में करीब 15 हजार लोगों को रोजगार प्राप्त होगा। सरकार ने एक साल की तैयारी के बाद केंद्र सरकार में पक्ष रखा। इसके लिए हम 16 राज्यों से प्रतिस्पर्धा कर रहे हैं। इसके अतिरिक्त सरकार ने 100 करोड़ रुपये के मेडिकल डिवाइस पार्क के लिए आवेदन किया है। नालागढ़ में 1000 करोड़ का प्लास्टिक पार्क प्रस्तावित है। दो औद्योगिक पार्क स्थापित करने के लिए प्रस्ताव तैयार कर केंद्र सरकार को भेजे गए हैं। यदि मंजूरी मिलती है तो पॉवर जेनरेशन इक्यूपमेंट हब व इलेक्ट्रिकल डिवाइस पार्क के लिए ढाई सौ-ढाई सौ करोड़ की ग्रांट इन एड मिलेगी।

हर सरकार कर्ज लेती है, क्या कर्ज लेने पर विराम लग सकता है?

कर्ज लेने की आदत कांग्रेस सरकारों ने डाली है। ये कटु सच्चाई है कि आने वाली हर सरकार को कर्ज लेना पड़ेगा। खास बात यह है कि कर्ज किस लिए लिया जा रहा है। हम कर्ज लेकर विकास कार्यों को आगे बढ़ाने में इस्तेमाल कर रहे हैं। जबकि कांग्रेस सरकारों ने क्या किया सब जानते हैं। पिछली कांग्रेस सरकार से हमें करीब 47 हजार करोड़ का कर्ज विरासत में मिला था। तीन साल में हमने 9 हजार करोड़ का कर्ज उठाया था। इस समय कुल कर्ज 56 हजार करोड़ रुपये है।

क्या पूर्ण राज्यत्व दिवस का स्वर्ण जयंती समारोह आयोजित होगा?

पिछला एक साल कोरोना में गुजर गया, लेकिन नए वर्ष में सरकार पूर्ण राज्यत्व दिवस की स्वर्ण जयंती पर 51 कार्यक्रम आयोजित करेगी। सरकार ने 2020 में सालभर चलने वाले कार्यक्रम का खाका तैयार किया था, मगर कोरोना संकट के कारण आयोजन नहीं हो सके। सरकार अपने तीन साल पूरा करने पर पंचायत चुनाव के बाद राज्य में कार्यक्रम आयोजित करेगी।

हिमाचल के लिए साल 2021 कैसे अलग होगा?

भाजपा सरकार को तीन साल पूरे हो चुके हैं। सही मायनों में देखा जाए तो काम करने के लिए दो साल ही मिले। एक साल कोरोना काल मे निकल गया। अगले दो साल में बहुत कुछ करना होगा। यदि पहले, दूसरे और तीसरे बजट पर नजर डाली जाए तो हर बार नई योजनाएं शुरू की। हर योजना के लिए बजट प्रावधान किया। सरकार ने नेक नीयत के साथ योजनाओं को प्रत्येक व्यक्ति तक पहुंचाने और योजनाओं के माध्यम से पहुंचने का प्रयास किया। बुजुर्गों की पेंशन के लिए आयु सीमा 80 वर्ष से घटाकर 70 वर्ष की गई। सरकार ने महिलाओं का दर्द समझा और गृहिणी सुविधा योजना से हर घर में गैस कनेक्शन पहुंचाया। लोगों की समस्याओं का समाधान करने के लिए जनमंच योजना के तहत 200 जनमंच आयोजित कर 50 हजार शिकायतों का मौके पर समाधान किया।

सड़कें परिवहन का एकमात्र जरिया है, दूसरा माध्यम विकसित हो पाएगा?

कोई शक नहीं है कि सड़कें हमारी लाइफ लाइन हैं। प्रयास है कि इस वर्ष प्रदेश के पांच बांधों में जल परिवहन सुविधा शुरू हो सके। इसके लिए केंद्र सरकार को प्रस्ताव भेजा है और पूरी उम्मीद है कि पानी में चलने वाले छोटे जहाज उत्तर प्रदेश व गुजरात की तरह हमें भी मिलेंगे। जल परिवहन के लिए चमेरा डैम, पौंग डैम, भाखड़ा डैम, कोल डैम व पंडोह डैम के पांच सौ किलोमीटर क्षेत्र में छह जिलों कांगडा, बिलासपुर, कुल्लू, शिमला, मंडी व चंबा के लोगों के लिए सुविधा मिल सकती है। इससे पर्यटन और जल क्रीड़ाओं को भी बढ़ावा मिलेगा।

कोरोना संकट अभी टला नहीं है। प्रदेश के लोग सुरक्षित कैसे होंगे?

जल्द ही सबसे पहले स्वास्थ्य कर्मियों को कोरोना का टीका लगना शुरू हो जाएगा। उसके बाद धीरे-धीरे प्रत्येक व्यक्ति को टीका लगने से स्वास्थ्य सुरक्षा प्राप्त होगी। प्रदेश में कोरोना संक्रमण से निपटने के लिए अस्पतालों में पूरी सुविधा है, लेकिन प्रदेश के लोगों ने एहतियात के तौर पर मास्क, दो गज की दूरी का पालन सुनिश्चित किया है।

विपक्ष आपकी सरकार पर भ्रष्टाचार को लेकर निशाना साधती है?

मुझे इस विषय में इतना कहना है कि कांग्रेस के पास कहने के लिए कुछ है नहीं। यदि भ्रष्टाचार का कोई सूबूत है तो सामने लाएं... सरकार जांच करवाने को तैयार है। विपक्ष की हालत तो ऐसी है कि अस्तित्व बचाने के लिए कुछ भी आरोप लगाते रहो। कांग्रेस बिखरा हुआ कुनबा हो चुका है। कांग्रेस को लोगों ने गंभीरता से लेना छोड़ दिया है।

तीन साल के कार्यकाल को राजनीतिक दृष्टि से कैसे आंकते हैं?

सत्ता में आने के बाद भाजपा ने हर चुनावी वादा पूरा किया और जनहित के कई कार्य किए। इसका प्रमाण है कि प्रदेश के लोगों ने भाजपा को चारों लोकसभा सीटों पर जीत दिलाई। इन चुनाव में सभी 68 विधानसभा सीटों पर भाजपा को बढ़त मिली थी। उसके बाद प्रदेश में दो उप-चुनावों में भाजपा ने नए प्रत्याशी चुनाव मैदान में उतार और शानदार जीत मिली। अब पंचायत चुनाव जीतकर भाजपा 2022 में होने वाले विधानसभा चुनाव को जीतने के लिए तैयारी करेगी। इस बार भाजपा मिशन रिपीट की शुरुआत करेगी। क्योंकि भाजपा ने दो बार अपने बलबूते पर दो बार सरकार बना ली है, अब रिपीट करने की बारी है। विपक्ष में बैठी कांग्रेस राजनीतिक धरातल पर कहीं भी नजर नहीं आ रही।

-किसानों को किस तरह से सहारा दिया जा रहा?

25 करोड़ के बजट से राज्य में प्राकृतिक खेती की शुरुआत की गई। सुखद यह कि 99 हजार किसान प्राकृतिक खेती कर रहे हैं। किसानों ने रासायनिक खाद का उपयोग बंद कर दिया। 96 हजार किसानों को प्राकृतिक खेती के लिए प्रशिक्षण दिया जा चुका है। अगले दो साल में 9.61 लाख किसानों को प्राकृतिक खेती से जोडऩे का लक्ष्य रखा है। राज्य में दस हजार से कम मासिक आय आय वाले छोटे किसानों के बैंक खातों में 6 हजार रुपये की राशि आ रही है।

सरकारी क्षेत्र में रोजगार देने में तेजी क्यों नहीं?

सरकारी क्षेत्र में रोजगार की संभावनाएं सीमित हैं। यह बात समझनी होगी कि सभी को सरकार नौकरी नहीं दे सकती है। यह सत्य है कि प्रदेश के युवाओं को स्वरोजगार की ओर आगे बढऩे के लिए प्रेरित करने की आवश्यकता है। इसलिए सरकार ने मुख्यमंत्री स्वावलंबन योजना के तहत 60 लाख रुपये के कर्ज का प्रावधान किया है। स्थानीय उद्यम को बढ़ावा देने के साथ-साथ प्रदेश का युवा नौकरी करने के बजाय नौकरी देने वाला बन सके। हजारों युवाओं ने अपना व्यवसाय शुरू करके कदम बढ़ाया है। निवेश के लिए युवकों को 25 फीसद, महिलाओं को 30 फीसद और विधवाओं को 45 फीसद उपदान दिया जा रहा है।

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