मुख्यमंत्री ने मंडी में किया हिमाचल के पहले आदर्श नशा निवारण केंद्र का लोकार्पण, ये व्यवस्था रहेगी
Idol Drug Prevention Center हिमाचल प्रदेश के पहले आदर्श नशा निवारण केंद्र का मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने लोकार्पण किया। मंडी सदर स्थित रघुनाथ के पद्दर में इस केंद्र को बनाया गया है। इस केंद्र में 20 बिस्तर की व्यवस्था की गई है। आगे इसे ओर सुविधा संपन्न बनाया जाएगा।
मंडी, जागरण संवाददाता। Idol Drug Prevention Center, हिमाचल प्रदेश के पहले आदर्श नशा निवारण केंद्र का मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने लोकार्पण किया। मंडी सदर स्थित रघुनाथ के पद्दर में इस केंद्र को बनाया गया है। इस केंद्र में 20 बिस्तर की व्यवस्था की गई है। आगे इसे ओर सुविधा संपन्न बनाया जाएगा। मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने इस मौके पर संबोधित करते हुए कहा प्रदेश के युवाओं को नशे के दलदल से बाहर निकालने के लिए इस तरह के नशा निवारण केंद्र खोले जाने हैं। मंडी में बनाया गया यह केंद्र अन्य केंद्रों के लिए एक मॉडल होगा। उन्होंने कहा नशे की तस्करी पर लगाम कसने के लिए नियम कड़े किए गए हैं। तस्करों की संपत्ति को भी सीज किया जा रहा है। उन्होंने कहा आगामी दिनों में इस केंद्र को और सुदृढ़ किया जाएगा।
वहीं, राज्य मानसिक स्वास्थ्य प्राधिकरण के मुख्य कार्यकारी अधिकारी (सीईओ) डा. संजय पाठक और नशा निवारण बोर्ड के सलाहकार ओपी शर्मा ने कहा प्रदेश के सीमावर्ती क्षेत्रों में चल रहे सभी नशा निवारण केंद्रों की जांच की जाएगी। इन केंद्रों में सभी सुविधाएं भी जांची जाएंगी। नशा निवारण बोर्ड के पदाधिकारी यह जिम्मेदारी संभालेंगे। युवाओं को नशे से बाहर निकालने के लिए प्रदेश के पहले आदर्श नशा निवारण केंद्र शुरू किया गया है। रघुनाथ का पद्धर में 20 बिस्तर का नशा निवारण केंद्र खोला गया है। इसकी सुविधाओं में धीरे-धीरे बढ़ोतरी की जाएगी।
उन्होंने कहा प्रदेशभर में वर्तमान में 2500 के करीब युवा नशे के चंगुल में हैं, इसमें 8.9 प्रतिशत शराब, 3.2 प्रतिशत चरस व गांजे, 1.70 प्रतिशत अफीम और 0.39 प्रतिशत अन्य मादक पदार्थों का उपयोग कर रहे हैं। ऐसे में उन युवाओं को इससे बाहर निकालने के लिए इस तरह के आदर्श नशा निवारण केंद्र खोलने के लिए कार्य होगा। मंडी का आदर्श केंद्र अन्य नशा निवारण केंद्रों के लिए एक माडल होगा और इसी तरह अन्य केंद्र बनेंगे।
रेडक्रास के माध्यम से आठ और केंद्र चलाए जाएंगे, जिसके लिए भी 20 लाख रुपये जारी किए गए हैं। नशा निवारण बोर्ड के सलाहकार ओपी शर्मा ने बताया कि प्रदेश के सीमावर्ती क्षेत्रों में कई केंद्र बिना पंजीकरण और सुविधाओं के चल रहे हैं। इनका सर्वे ऊना जिले से किया जाएगा। पंजाब के कई लोग यहां पर बच्चों को ठीक करने के नाम पर बिना पंजीकरण इसे धंधे के रूप में चला रहे हैं। ऊना में तो पहले की गई जांच में एक कमरे में 40 बच्चे पाए गए थे। वहीं गत दिनों एक युवक की मौत मामले के बाद एक केंद्र को बंद भी किया गया है।
शिमला शहर में शुरू होगा सर्वे
प्रदेश में नशा करने वाले और बेचने वाले लोगों की पहचान के लिए एक सर्वे नशा निवारण बोर्ड आरंभ करने जा रहा है। इसके लिए अभी साढ़े चार लाख रुपये का बजट जारी किया गया है। शिमला के बाद यह सर्वे प्रदेश के अन्य प्रमुख शहरों में होगा।