पशुपालन विभाग पर गड़बड़झाले के आरोपों की होगी सीआइडी जांच, टोका मशीनों और भूसे की हुई है खरीद
टोका मशीनों भूसे व दवाओं की खरीद में गड़बड़झाले के आरोपित अधिकारी और कर्मचारी अब बेनकाब होंगे।
शिमला, जेएनएन। टोका मशीनों, भूसे व दवाओं की खरीद में गड़बड़झाले के आरोपित अधिकारी और कर्मचारी अब बेनकाब होंगे। पशुपालन विभाग में हुई खरीद से जुड़े आरोपों की अब क्राइम इन्वेस्टीगेशन डिपार्टमेंट (सीआइडी) जांच करेगा। अब तक मंडी पुलिस जांच कर रही थी। इस संबंध में वेटनरी डॉक्टर ने जून महीने में मंडी के धर्मपुर थाने में एससी, एसटी एक्ट के तहत 13 लोगों के खिलाफ केस दर्ज करवाया था। इनमें पशुपालन के दस अधिकारी और कर्मचारी शामिल हैं।
आरोप है कि उन्होंने सरकार और विभाग को भी गुमराह किया और वेटनरी डॉक्टर के खिलाफ झूठी शिकायतें करवाईं। इनके आधार पर इस डॉक्टर के खिलाफ नौ जांचे शुरू हुईं। प्राथमिकी के अनुसार प्रभावित डॉक्टर ने आरोप लगाया कि उसे इसलिए तंग कर रहे हैं, क्योंकि वह अनुसूचित जनजाति वर्ग से है। तर्क दिया कि इन्क्वायरी इसलिए खोली ताकि घपलों पर पर्दा डल सकें।
पुलिस से रिकॉर्ड कब्जे में लेगी सीआइडी
मामले में सीआइडी पुलिस से रिकॉर्ड कब्जे में लेगी। जांच की जद में कई अफसर आएंगे। पुलिस के अनुसार अभी तक आरोपितों की कोई गिरफ्तारी नहीं हुई है। पुलिस ने दावा किया कि मामले में विस्तृत जांच की जरूरत है, इस कारण गिरफ्तारी करना सही नहीं था। इसकी जांच सरकाघाट के डीएसपी के पास रही।
दैनिक जागरण ने उठाया था मामला
सबसिडी वाली टोका मशीनों के आवंटन में गड़बड़ी के मुद्दे को 'दैनिक जागरणÓ ने प्रमुखता से उठाया था। मंडी के संधोल में 23 मशीनें लाभार्थियों को 2013-14 में बांटी गई। आरोप है कि इन्हें लाभार्थियों को नहीं दिया गया। 2018 में इनका जाली रिकॉर्ड तैयार किया गया। इसके अलावा भूसे की खरीद में भी नियम दरकिनार किए गए। विभाग ने आरोपितों पर कार्रवाई करने के बजाय घोटाला पकडऩे वाले डॉक्टर पर ही कार्रवाई की। पहले उनका तबादला किया गया। कोर्ट से राहत मिली तो सस्पेंड कर दिया।
क्या कहते हैं अधिकारी व शिकायतकर्ता
वेटनरी डॉक्टर की ओर से एससी, एसटी एक्ट के तहत केस दर्ज करवाया गया था, लेकिन इनमें कोई गिरफ्तारी नहीं हुई थी। शिकायतकर्ता ने आरोपितों पर जालसाजी के भी आरोप लगाए थे। इस कारण इसके लिए विस्तृत जांच की जरूरत थी। अब जांच सीआइडी के सुपुर्द की गई है। -चंद्रपाल सिंह, डीएसपी, सरकाघाट।
मैंने अधिकारियों, कर्मचारियों के खिलाफ केस दर्ज करवाया था। इस केस में जमानत नहीं है, लेकिन पुलिस ने इन्हें गिरफ्तार नहीं किया। मुझे सीआइडी से न्याय मिलने की पूरी उम्मीद है। -शिकायतकर्ता चिकित्सक।