ढाटी में 30 निजी स्कूलों के बच्चों ने लिया दाखिला
कोरोना काल ने जहां बच्चों की पढ़ाई के मायने बदल दिए हैं वहीं अभिभा
संवाद सहयोगी, भवारना : कोरोना काल ने जहां बच्चों की पढ़ाई के मायने बदल दिए हैं वहीं अभिभावक भी निजी स्कूलों की अपेक्षा सरकारी को तरजीह दे रहे हैं। सुलह विधानसभा क्षेत्र के ढाटी गांव से राजकीय वरिष्ठ माध्यमिक पाठशाला में जब स्कूल के ही दो शिक्षकों ने अपने बच्चों को उसी स्कूल में पढ़ाने का फैसला लिया तो उनको देखते हुए अन्य ने भी बच्चे सरकारी स्कूल में दाखिल करवाए।
ढाटी स्कूल के अध्यापक संजय कटोच टीजीटी (मेडिकल) की बेटी दिव्यांशी व बलदेव सिंह प्रवक्ता (हिदी) की बेटी पारुल ने नवमीं कक्षा में दाखिला लिया है। दोनों शिक्षकों का कहना है कि निजी स्कूल व सरकारी स्कूलों की पढ़ाई में कोई अंतर नहीं है। अंतर है तो सिर्फ हमारी सोच में जो आज हम निजी स्कूलों की चकाचौंध और प्रतिस्पर्धा में भारी भरकम फीस देकर भी हम बच्चों को शिक्षा में वह गुणवत्ता नहीं दे पा रहे जो उन्हें मिलनी चाहिए।
इसलिए उन्होंने सरकारी स्कूल में बच्चों को पढ़ाने का फैसला लिया। इसी के चलते स्कूल में एक के बाद एक लगातार 30 बच्चों ने निजी स्कूलों से नाम कटवाकर सरकारी में दाखिला लिया।
स्कूल के प्रधानाचार्य रमेश चौधरी ने बताया कि इस बार ढाटी स्कूल में छठी कक्षा से दसवीं तक बच्चों को इंग्लिश मीडियम में भी बेहतर शिक्षा दी जा रही है। स्कूल की फीस भी बहुत कम है जिस वजह से इस बार निजी स्कूलों के बच्चे यहां दाखिला ले रहे हैं। स्कूल में शिक्षा की गुणवत्ता पर ओर बेहतरी से कार्य किया जा रहा है, जबकि बच्चों को कोरोना काल में ऑनलाइन शिक्षा भी दी जा रही है।