मुख्य सचिव खाची बोले, न्यायालय के आदेश की गंभीरता समझें अधिकारी

हिमाचल के मुख्य सचिव अनिल खाची ने सचिव व इससे ऊपर के अधिकारियों को न्यायालय के आदेश की गंभीरता को समझने का निर्देश दिया है। उन्होंने कहा कि जिन आदेश की पालना के लिए कहा जाता है उनकी संबंधित विभागों में क्रियान्वित करवाने की जिम्मेदारी को निभाएं।

By Virender KumarEdited By: Publish:Sun, 25 Jul 2021 10:22 PM (IST) Updated:Sun, 25 Jul 2021 10:22 PM (IST)
मुख्य सचिव खाची बोले, न्यायालय के आदेश की गंभीरता समझें अधिकारी
मुख्य सचिव खाची ने कहा कि अधिकारी न्यायालय के आदेश की गंभीरता समझें। जागरण आर्काइव

शिमला, राज्य ब्यूरो। हिमाचल के मुख्य सचिव अनिल खाची ने सचिव व इससे ऊपर के अधिकारियों को न्यायालय के आदेश की गंभीरता को समझने का निर्देश दिया है। उन्होंने कहा कि जिन आदेश की पालना के लिए कहा जाता है, उनकी संबंधित विभागों में क्रियान्वित करवाने की जिम्मेदारी को निभाएं। यदि उन्हें लगता है कि न्यायालय के आदेश को लेकर आगे अपील करने की जरूरत है तो तय समय में अपील करें। ध्यान न देने के कारण न्यायालय के आदेश की अवमानना हो रही है।

शिमला में रविवार को उन्होंने कहा कि न्यायालय को किसी भी मामले में प्रतिकूल टिप्पणी करने का अवसर न दिया जाए। कई बार समय पर जवाब नहीं दिया जाता तो कई मामलों में जवाब तर्कसंगत नहीं होते। उनका सुझाव था कि सचिव स्तर पर न्यायालय के हर आदेश पर पालन हो जाए, ताकि किसी भी मामले में अनावश्यक उलझन की स्थिति से बाहर निकलकर तर्कसंगत जवाब दिया जाए।

उच्च न्यायालय की नाराजगी

प्रदेश उच्च न्यायालय की ओर से कई बार नाराजगी जताई जा चुकी है कि सरकार न्यायालय के आदेश पर समय पर जवाब नहीं देती है। न ही समय पर पुर्न याचिका दायर करती है। आदेश की पालना में भी प्रदेश सरकार की ओर से ढिलाई रहती है। सरकार की ओर से ऐसा करने की आदत बन चुकी है।

आइजीएमसी में एमसीआइ की टीम ने किया आनलाइन निरीक्षण

इंदिरा गांधी मेडिकल कालेज व अस्पताल (आइजीएमसी) में मेडिकल काउंसिल आफ इंडिया (एमसीआइ) ने विभिन्न विभागों का आनलाइन निरीक्षण किया। इसमें आर्थो, मेडिसिन, गायनी, सर्जरी सहित अन्य विभागों में व्यवस्थाओं का जायजा लिया गया। इसमें एमसीआइ के निरीक्षकों ने आनलाइन वीडियोग्राफी के माध्यम से अस्पताल में मरीजों को दी जाने वाली सुविधाओं के साथ प्रशिक्षु डाक्टरों की पढ़ाई के संसाधनों की जानकारी ली। अस्पताल प्रधानाचार्य डा. सुरेंद्र का कहना है कि सरकार ने साल 2017 में एमडी और एमएस के लिए सीटें भरने की अनुमति दी थी। इसके बाद साल 2020 में इन सीटों के तहत निरीक्षण प्रस्तावित था। पिछले साल कोरोना के कारण स्थितियां सामान्य न होने की वजह से निरीक्षण टाला गया जोकि इस बार आनलाइन तरीके से करवाया गया। उन्होंने कहा कि निरीक्षण के चलते एमसीआइ को आवश्यक डाटा भेजा गया है। उन्होंने कहा कि अस्पताल में मरीजों के इलाज में आधुनिक तकनीक वाली मशीनों के साथ बेहतरीन जांच प्रणाली इस्तेमाल में लाई जाती है।

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