मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर बोले, पुलिस जवानों को इंटरनेट मीडिया पर पोस्ट डालना पड़ सकता है महंगा
हिमाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने डीजीपी संजय कुंडू को निर्देश दिए हैं कि इंटरनेट मीडिया पर पोस्ट डालने वाले पुलिस जवानों को आगाह कर दें। इस तरह से पोस्ट डालने के मामले में उनके खिलाफ कार्रवाई हो सकती है।
शिमला, राज्य ब्यूरो। हिमाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने डीजीपी संजय कुंडू को निर्देश दिए हैं कि इंटरनेट मीडिया पर पोस्ट डालने वाले पुलिस जवानों को आगाह कर दें। इस तरह से पोस्ट डालने के मामले में उनके खिलाफ कार्रवाई हो सकती है।
मुख्यमंत्री कार्यालय में पत्रकारों से बातचीत में उन्होंने कहा कि पोस्ट डालकर सनसनी फैलाने वाले पुलिस कर्मी अदालत में मामला हार चुके हैं। बावजूद इसके सरकार मानवीय आधार पर पुलिस जवानों को राहत प्रदान करने का प्रयास कर रही है। नियमित वेतन से जुड़ी आठ साल की शर्त के विषय के सभी पहलुओं पर सरकार विचार कर रही है। इस संबंध में रास्ता निकालने की दिशा में काम हो रहा था। सरकार भी चाहती है कि ऐसी कोई विसंगति है तो उसे दूर किया जाएगा।
उन्होंने कहा कि पुलिस जवानों के भर्ती एवं पदोन्नति नियमों को 2015 में बदला गया था। बदले नियमों के आधार पर ही भर्ती हुए पुलिस जवानों ने नई शर्तों के आधार पर सरकारी नौकरी ज्वाइन की है। 2015 के संशोधित नियमों के तहत पुलिस जवानों का पे-बैंड आठ साल की सेवा के बाद ही बदलेगा। इस विषय को लेकर मामला उच्च न्यायालय में गए थे और पुलिस जवान अदालत में मामला हार गए।
मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने कहा कि बीते दिनों पुलिस कर्मियों की उनके साथ बातचीत हुई, जिसमें पुलिस जवानों को राहत प्रदान करने के उद्देश्य से वित्त विभाग के सचिव के साथ पुलिस के आला अधिकारियों को भी विचार करने को कहा गया था। एक सवाल के जवाब में मुख्यमंत्री ने कहा कि पुलिस अनुशासित बल है। ऐसे में पुलिस जवानों को इंटरनेट मीडिया पर पोस्ट डालने से पहले सोचना चाहिए था। इंटरनेट मीडिया का इस्तेमाल नहीं करना चाहिए था। भविष्य में इंटरनेट मीडिया पर पोस्ट डालने वाले पुलिस जवानों पर कार्रवाई हो सकती है क्योंकि इंटरनेट मीडिया पर पोस्ट डालना पुलिस बल के लिए उचित नहीं है।
अनुबंध कर्मियों की तर्ज पर चाहते हैं सेवा शर्तों में बदलाव
दो दिन प्रदेश पुलिस कर्मियों ने मेस बंद की। पुलिस जवान अनुबंध कर्मियों की तर्ज पर सेवा शर्तों में बदलाव के साथ राशन भत्ता बढ़ाने, साल में 13 माह का वेतन देने व बेहतर आवासीय सुविधाएं प्रदान करने की मांग कर रहे थे।