पुलिस कर्मचारियों को मुख्यमंत्री जयराम की दो टूक, हल निकाल रहे हैं लेकिन इंटरनेट मीडिया पर कैंपेन चलाना गलत
हिमाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने नाराज चल रहे पुलिस कर्मचारियों से कहा है कि उनकी मांगें हम तक आ गई हैं लेकिन हल निकलने तक इंटरनेट मीडिया पर कैंपेन चलाना गलत है। मुख्यमंत्री ने कहा कि पुलिस बल अनुशासित बल है उसे इस प्रकार नहीं करना चाहिए।
शिमला, राज्य ब्यूरो।
हिमाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने नाराज चल रहे पुलिस कर्मचारियों से कहा है कि उनकी मांगें हम तक आ गई हैं लेकिन हल निकलने तक इंटरनेट मीडिया पर कैंपेन चलाना गलत है। मुख्यमंत्री ने कहा कि पुलिस बल अनुशासित बल है, उसे इस प्रकार नहीं करना चाहिए। मैं यह तो नहीं कहूंगा कि उन्होंने कोई आंदोलन छेड़ा है। बकौल मुख्यमंत्री, कुछ लोगों का मुझसे मिलने का कार्यक्रम था। जाहिर है, मैं गृहमंत्री हूं, मुझसे ही मिलेंगे लेकिन लोग अधिक आ गए। ऐसा कहीं नहीं होता। यह अनुशासन के अनुरूप नहीं है। मुख्यमंत्री ने कहा कि जिस प्रकार इंटरनेट मीडिया पर कैंपेन चलाया जा रहा है, और कुछ लोग उन्हें उकसा भी रहे हैं, यह गलत है। पुलिस महानिदेशक संजय कुंडू से कहा गया है कि इस सारे घटनाक्रम पर कार्रवाई करें। डीजीपी ने भी कहा है कि सभी नियमित रूप से अपना काम करें और मैस में खाना खाएं। अपना पक्ष रखने का पुलिस बल को अधिकार है और सरकार जो संभव है वह कर रही है। बकौल मुख्यमंत्री, मैंने उनमें से कुछ लोगों के साथ बात की और कहा कि आपका पक्ष आ गया है।
@CMOFFICEHP का पुलिस कर्मचारियों को स्पष्ट संदेश, गृह मंत्री होने के नाते सुनी मांगें। हल निकलने तक अनुशासन में रहें, इंटरनेट मीडिया पर कैंपेन चलाना गलत।@DainikHim @JagranNews #MyGovtHimachal pic.twitter.com/Q6heM3pCEv
गौरतलब है कि वेतन विसंगतियों को लेकर पुलिस कर्मचारियों में कई दिन से रोष है। मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर कह चुके हैं कि पुलिस जवानों के भर्ती एवं पदोन्नति नियमों को 2015 में बदला गया था। बदले नियमों के आधार पर ही भर्ती हुए पुलिस जवानों ने नई शर्तों के आधार पर सरकारी नौकरी ज्वाइन की है। वर्ष 2015 के संशोधित नियमों के तहत पुलिस जवानों का पे-बैंड आठ साल की सेवा के बाद ही बदलेगा। इस संबंध में मामला उच्च न्यायालय में था जहां पुलिस जवान हार गए। गत दिनों पुलिस कर्मियों की उनके साथ बातचीत हुई। मानवीय आधार पर पुलिस जवानों को राहत प्रदान करने के उद्देश्य से वित्त विभाग के सचिव के साथ पुलिस के आला अधिकारियों को भी विचार करने को कहा गया था। पुलिस अनुशासित बल है। पुलिस जवानों को इंटरनेट मीडिया पर पोस्ट अपलोड करने से पहले सोचना चाहिए था। उन्हें इंटरनेट मीडिया का इस्तेमाल नहीं करना चाहिए था।