मुख्यमंत्री हेल्पलाइन: आपकी समस्‍या का समाधान हुआ या नहीं, फोन करके पूछेंगे सीएम और मंत्री

हिमाचल के दूरदराज क्षेत्र में बैठा कोई भी व्यक्ति अब एक फोन कर अपनी शिकायत दर्ज करवा सकता है।

By Rajesh SharmaEdited By: Publish:Sun, 15 Sep 2019 08:16 AM (IST) Updated:Sun, 15 Sep 2019 03:35 PM (IST)
मुख्यमंत्री हेल्पलाइन: आपकी समस्‍या का समाधान हुआ या नहीं, फोन करके पूछेंगे सीएम और मंत्री
मुख्यमंत्री हेल्पलाइन: आपकी समस्‍या का समाधान हुआ या नहीं, फोन करके पूछेंगे सीएम और मंत्री

शिमला, जेएनएन। हिमाचल के दूरदराज क्षेत्र में बैठा कोई भी व्यक्ति अब एक फोन कर अपनी शिकायत दर्ज करवा सकता है। तय समय के बाद मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर किसी भी व्यक्ति को फोन कर पूछेंगे कि क्या उनकी समस्या का समाधान हुआ या नहीं? शिकायत पर संबंधित अधिकारी ने क्या कार्रवाई की और सरकारी विभागों के कर्मचारी व अधिकारी तत्परता से काम कर रहे हैं या नहीं? मंत्री भी लोगों को फोन कर पूछेंगे कि उनकी समस्याओं का निवारण हुआ या नहीं।

यदि प्रदेश के दूरदराज क्षेत्रों में बैठे लोगों की समस्याओं का समाधान नहीं हो पाया होगा तो संबंधित सरकारी कर्मचारी व अधिकारी की जिम्मेदारी तय होगी। इस प्रकार की सुविधा मुख्यमंत्री हेल्पलाइन के तहत प्रदेश के लोगों को एक दिन बाद मिलने वाली है। मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर 16 सितंबर को मुख्यमंत्री हेल्पलाइन का शुभारंभ करेंगे। प्रदेश के आम नागरिक इस हेल्पलाइन पर फोन कर अपनी शिकायतों व समस्याओं का समाधान करवा सकेंगे। मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने वर्ष 2019-20 के बजट में मुख्यमंत्री हेल्पलाइन की घोषणा की थी। मुख्यमंत्री हेल्पलाइन का कार्यालय (कॉल सेंटर) राज्य मुख्यालय शिमला के टुटीकंडी में खोला गया है। प्रदेश सरकार इस हेल्पलाइन का टोल फ्री नंबर 1100 जारी करेगी।

सुबह सात बजे से रात दस बजे तक करें शिकायत

मुख्यमंत्री हेल्पलाइन के माध्यम से जनमंच में प्राप्त शिकायतों की प्रगति की भी निगरानी होगी। हेल्पलाइन पर सुबह सात बजे से रात 10 बजे तक शिकायत दर्ज हो सकेगी। इससे सरकार के कार्य में भी पारदर्शिता सुनिश्चित होगी। पंजीकृत कॉल स्वत: ही निवारण के लिए संबंधित विभाग को चली जाएगी। इसमें चारस्तरीय शिकायत प्रणाली की योजना बनाई गई है। पहले स्तर पर खंड, दूसरे स्तर पर तहसील, तीसरे स्तर पर जिला तथा अंतिम राज्य स्तर पर समाधान सुनिश्चित किया जाएगा। सभी अधिकारियों को सात दिन से लेकर 14 दिनों के भीतर शिकायत का समाधान करना होगा। यदि समयसीमा पार हो गई या शिकायतकर्ता संतुष्ट नहीं है तो समस्या अगले स्तर पर भेज दी जाएगी। शिकायतकर्ता की संतुष्टि के बाद ही शिकायत बंद होगी। तब तक अधिकारियों को समस्या का हल निकालना पड़ेगा।

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