चैत्र नवरात्र : सजे दाती के दरबार, होगी जय-जयकार

जागरण टीम ज्वालामुखी/कांगड़ा/योल मंगलवार से शुरू होने वाले चैत्र नवरात्र के लिए कांगड़ा

By JagranEdited By: Publish:Tue, 13 Apr 2021 04:00 AM (IST) Updated:Tue, 13 Apr 2021 04:00 AM (IST)
चैत्र नवरात्र : सजे दाती के दरबार, होगी जय-जयकार
चैत्र नवरात्र : सजे दाती के दरबार, होगी जय-जयकार

जागरण टीम, ज्वालामुखी/कांगड़ा/योल : मंगलवार से शुरू होने वाले चैत्र नवरात्र के लिए कांगड़ा जिले के तीनों शक्तिधामों श्री ज्वालामुखी मंदिर, श्री बज्रेश्वरी देवी और श्री चामुंडा देवी मंदिरों को सजा दिया है। मंदिर प्रशासन ने कोरोना काल में नियमों का पालन करते हुए सुरक्षा व्यवस्था पुख्ता कर दी है। श्रद्धालुओं की सुविधा एवं कानून व्यवस्था बनाने के लिए अतिरिक्त पुलिस बल तैनात कर दिया है।

श्री ज्वालामुखी मंदिर में विधायक रमेश धवाला झंडा चढ़ाने की रस्म अदा करेंगे। मंदिर अधिकारी एवं तहसीलदार निर्मल सिंह ने बताया कि आयोजन बाबत तैयारियां पूरी कर ली हैं। पूर्व सैनिक मंदिर में तैनात कर दिए हैं। इसके अलावा सफाई कर्मचारी भी मंदिर में तैनात किए जाएंगे। उन्होंने बताया कि श्रद्धालुओं को शारीरिक दूरी का विशेष ध्यान रखना होगा। मंदिर सुबह 5.00 से रात 10.00 बजे तक खुलेगा रहेगा। सुबह 5.00 बजे से ही श्रद्धालुओं का मां के दर्शन के लिए पंजीकरण शुरू हो जाएगा। भक्तजन कार पार्किंग में रजिस्ट्रेशन करवा सकते हैं।

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श्री चामुंडा मंदिर में 60 जवानों ने संभाली सुरक्षा की कमान

श्री चामुंडा मंदिर को फूलों से सजाया है। 40 पुलिस और 20 गृहरक्षकों ने सुरक्षा का जिम्मा संभाल लिया है। सरकार की ओर से जारी एसओपी के तहत ही धार्मिक अनुष्ठान में केवल पांच पंडित ही भाग लेंगे। 19 मार्च को मंदिर न्यास की बैठक में 30 पंडितों और 10 संस्कृत महाविद्यालय के प्रशिक्षुओं को शतचंडी महायज्ञ में शामिल करने का फैसला लिया था लेकिन अब इसमें बदलाव कर दिया है। मंदिर अधिकारी अपूर्व शर्मा ने बताया कि सभी श्रद्धालुओं की थर्मल स्कैनिंग होगी। साथ ही उनका पंजीकरण भी किया जाएगा।

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फूलों से सजाया श्री बज्रेश्वरी देवी मंदिर

श्री बज्रेश्वरी देवी मंदिर को एमिल जागरण की ओर से फूलों व रंग-बिरंगी रोशनियों से सजाया गया है। मंदिर न्यास के सहायक आयुक्त एवं एसडीएम अभिषेक वर्मा ने बताया कि मंदिर के कपाट सुबह पांच से रात नौ बजे तक खुले रहेंगे। मंदिर परिसर में लंगर संचालन की अनुमति किसी को भी नहीं होगी। मंदिर में नारियल ले जाने पर भी प्रतिबंध रहेगा। मंदिर परिसर में 40 कर्मचारी सुरक्षा का जिम्मा संभालेंगे। 32 कर्मी मंदिर के अंदर और बाहर की सफाई व्यवस्था देखेंगे। मंदिर में पूजा-पाठ व हवन यज्ञ में 21 पंडित शामिल होंगे। श्रद्धालुओं को बाईपास से लाने के लिए मुद्रिका बस चलाई जाएगी।

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