हिमाचल में शातिरों का नया तरीका, मकान किराये पर लेने के नाम पर ठगी
हिमाचल प्रदेश में साइबर ठगी का नया तरीका सामने आया है। शातिर मकान किराये पर लेने के नाम पर लोगों से ठगी कर रहे हैं। एडवांस पेमेंट के लिए उन्हें क्यूआर कोड स्कैन करने के लिए कहते हैं और ठगी कर रहे हैं।
शिमला, राज्य ब्यूरो। हेलो...हां मैं सुरक्षा बल में कार्यरत बड़े साहब की पत्नी बोल रही हूं...मेरे पति का शिमला तबादला हो गया है, उन्हें किराये का मकान चाहिए। आनलाइन एडवांस पेमेंट हो जाएगी। आप सिर्फ यूपीआइ, पिन नंबर बता दें।
इस तरह की काल साइबर ठग कर रहे हैं। इस तरह की काल कर हिमाचल के लोगों को ठगी का शिकार बना रहे हैं। साइबर फ्राड का यह नया तरीका सामने आया है। ताजा शिकायत शिमला से आई है। इस शिकायत की सीआइडी के अधीन साइबर पुलिस ने जांच शुरू कर दी है। साइबर पुलिस ने इस संबंध में प्रापर्टी मालिकों, होटल मालिकों के लिए एडवायजरी जारी की है। एडवांस पेमेंट की आड़ में लिंक या एक क्यूआर कोड स्कैन करने के लिए भेजेंगे, जिसके जरिये पेमेंट आपके पास आने की बजाय आपके बैंक अकाउंट से साइबर ठग के पास पहुंच जाएगी। काल कर शातिर कह रहे हैं कि बड़ा घर किराये पर चाहिए। इसके बाद सिक्योरिटी मनी और एडवांस पैसे ट्रांसफर करने के लिए फोन पे, गूगल पर लिंक भेजने के लिए कहते हैं, ताकि आप प्रापर्टी किसी और को न दें।पिछले कुछ समय से ठग नए-नए तरीकों से लोगों को ठगने का प्रयास कर रहे हैं। साइबर थाने में शिकायतें लगातार बढ़ रही हैं।
क्या दी है सलाह
अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक साइबर क्राइम नरवीर राठौर के अनुसार आर्मी, पैरामिलिट्री फोर्स की यूनिफार्म का फोटो आइडी कार्ड वाट्सएप के माध्यम से दिखाया जाता है तो उस पर बिल्कुल भी विश्वास न करें। यूपीआइ पेमेंट लेते समय पिन की आवश्यकता नहीं होती। किसी प्रकार की वेबसाइट के जरिये आने वाली काल, मैसेज, ईमेल पर बिना पुष्टि विश्वास न करें। अपनी पर्सनल डिटेल, जैसे अकाउंट नंबर, एटीएम कार्ड और आधार कार्ड की जानकारी को साझा न करें। ठगी होने पर तुरंत टोल फ्री नंबर 155260 पर या फिर साइबर पोर्टल डब्ल्यूडब्ल्यू.साइबरक्राइम.जीओवी.इन या साइबर सेल-एचपी@एनआइसी.इन पर संपर्क करें।