परोपकार ही आगे बढ़ने का मार्ग : पीके शास्त्री

संवाद सहयोगी पालमपुर प्रसिद्ध ज्योतिषाचार्य पंडित पीके शास्त्री ने कहा है कि अपने लिए तो सभी जीते हैं लेकिन परोपकार के लिए जीना ही असली जीवन है। परोपकार ही जीवन में आगे बढ़ने का रास्ता है। सम्मान से ही सम्मान की प्राप्ति होती है। दूसरों के बारे में सोचना ही परम धर्म है।

By JagranEdited By: Publish:Sun, 03 Oct 2021 02:33 AM (IST) Updated:Sun, 03 Oct 2021 02:33 AM (IST)
परोपकार ही आगे बढ़ने का मार्ग : पीके शास्त्री
परोपकार ही आगे बढ़ने का मार्ग : पीके शास्त्री

संवाद सहयोगी, पालमपुर : प्रसिद्ध ज्योतिषाचार्य पंडित पीके शास्त्री ने कहा है कि अपने लिए तो सभी जीते हैं, लेकिन परोपकार के लिए जीना ही असली जीवन है। परोपकार ही जीवन में आगे बढ़ने का रास्ता है। सम्मान से ही सम्मान की प्राप्ति होती है। दूसरों के बारे में सोचना ही परम धर्म है।

शनिवार को प्रियदर्शनी स्कूल पट्टी के चेयरमैन राजेश गुप्ता को आशीर्वाद देने दिल्ली से पालमपुर पहुंचे पीके शास्त्री पत्रकारों से बातचीत कर रहे थे। उन्होंने कहा, पितृ पक्ष सबसे पावन और पुण्य करने का अवसर होता है। शास्त्रों में इसे अन्य माह से सर्वश्रेष्ठ माना गया है। पितृ दोष से निवारण के उपाय सुझाते हुए उन्होंने कहा कि पितृ दोष जन्म कुंडली में ज्योतिष बताते हैं। इसके निवारण के लिए पांच दिन तक पितृ गायत्री का जाप व हवन करना उचित माना गया है। पंडित पीके शास्त्री ने कहा कि नवरात्र के दौरान मां की अराधना की जाती है। नौ दिन तक देवियों की अराधना करने से देवी प्रसन्न होती है तथा संतान सुख व शिक्षा की प्राप्ति होती है। उन्होंने बताया कि वह 21 से 27 नवंबर तक प्रियदर्शनी स्कूल पट्टी में भागवत कथा करेंगे। इस दौरान पंच दिवसीय पितृ शांति यज्ञ भी होगा। साथ ही पंचकुंडी यज्ञ का आयोजन भी किया जाएगा।

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