निजीकरण और कृषि बिल के विरोध में कुल्लू में उपायुक्त कार्यालय के बाहर सीटू ने दिया धरना
केंद्र सरकार द्वारा सरकारी संपत्ति के निजीकरण और तीन कृषि कानून के विरोध में सीटू ने जिला मुख्यालय कुल्लू स्थित उपायुक्त कार्यालय के बाहर धरना प्रदर्शन किया और इस मसले को लेकर केंद्र व राज्य सरकार को घेरा। केंद्र सरकार ने तीन कृषि कानून लाए हैं।
कुल्लू, संवाद सहयोगी। केंद्र सरकार द्वारा सरकारी संपत्ति के निजीकरण और तीन कृषि कानून के विरोध में सीटू ने जिला मुख्यालय कुल्लू स्थित उपायुक्त कार्यालय के बाहर धरना प्रदर्शन किया और इस मसले को लेकर केंद्र व राज्य सरकार को घेरा। इस प्रदर्शन में शामिल लोगों को संबोधित करते हुए सीटू के जिला सचिव भूप सिंह भंडारी ने कहा कि केंद्र सरकार ने तीन कृषि कानून लाए हैं।
उसका पूरे देश भर में विरोध हो रहा है किसान लगातार धरने पर बैठे हुए हैं परंतु सरकार इन बिलों को वापस नहीं ले रही है। सरकार द्वारा लाए गए यह तीनों कृषि कानून पूंजीपतियों को फायदा पहुंचाने वाले हैं जबकि किसानों के लिए यह बिल किसी भी सूरत में फायदा देने वाले नहीं हैं परंतु सरकार पूंजीपतियों के पक्ष में इस तरह के फैसले लगातार ले रही है।
उन्होंने कहा कि सरकारी संपत्ति का लगातार निजीकरण किया जा रहा है। सरकारी विभागों को निजी हाथों में दिया जा रहा है इसके अलावा हवाई अडडे, रेलवे स्टेशन सहित कई सरकारी उद्योग और निगम निजी हाथों में दिए गए हैं जो किसी भी सूरत में जनता के हित में नहीं है लिहाजा सीटू इसका विरोध करेगी। इसके अलावा सीटू और किसान सभा के अन्य नेताओं ने भी इस प्रदर्शन को संबोधित करते हुए केंद्र व राज्य सरकार को घेरा है।
नेताओं ने कहा कि भाजपा सरकार बेरोजगार युवाओं को रोजगार के अवसर प्रदान नहीं कर पाई है। जबकि नरेंद्र मोदी सरकार ने साल में दो करोड़ लोगों को रोजगार देने का वादा किया था लेकिन यहां रोजगार प्राप्त लोगों से रोजगार छीनने का काम किया जा रहा है। भाजपा के पक्ष में ना करें मतदान। इस मौके पर सीटू नेताओं ने प्रदर्शनकारियों को संबोधित करते हुए कहा कि इन उपचुनावों में भाजपा समर्थित उम्मीदवारों को मतदान ना करें उन्होंने कहा कि अन्य किसी भी राजनीतिक पार्टी के उम्मीदवारों के पक्ष में लोग मतदान कर सकते हैं लेकिन जो भाजपा सरकार लोगों के हितों के फैसले नहीं ले रही है उस के पक्ष में उन्होंने मतदान न करने की अपील की है।