आढ़तियों का रिकार्ड रखने की व्यवस्था होने से बागवानों से ठगी करने वालों पर की जा सकेगी कार्रवाई

कुछ साल पहले एपीएमसी एक्ट भी बनाया था लेकिन उसका सख्ती से पालन नहीं हो पा रहा है। आढ़तियों व लदानियों का रिकार्ड रखने की व्यवस्था होने से बागवानों से ठगी करने वालों पर कार्रवाई की जा सकेगी।

By Sanjay PokhriyalEdited By: Publish:Wed, 22 Sep 2021 03:47 PM (IST) Updated:Wed, 22 Sep 2021 03:47 PM (IST)
आढ़तियों का रिकार्ड रखने की व्यवस्था होने से बागवानों से ठगी करने वालों पर की जा सकेगी कार्रवाई
बागवानों की सालभर की मेहनत की कमाई कर फरार हो जाते हैं।

कांगड़ा, स्टेट ब्यूरो। हिमाचल प्रदेश की आर्थिकी में बागवानी अहम है। बागवान सालभर इसी उम्मीद से मेहनत करते हैं कि उन्हें बेहतर फल मिलेगा लेकिन उस समय निराश होना पड़ता है जब कोई उनकी फसल लेकर फरार हो जाता है। कुछ ही साल में सेब बागवानों के साथ करोड़ों रुपये की धोखाधड़ी हो चुकी है। 250 करोड़ के गड़बड़झाले में आरोपितों पर शिकंजा कस रहा है। सात आढ़तियों के खिलाफ गिरफ्तारी वारंट जारी हो गए हैं। ये आरोपित हिमाचल समेत कई राज्यों से संबंध रखते हैं।

चिंतनीय है कि ऐसे आढ़तियों ने अन्य राज्यों में काम जारी रखा है। इनके खिलाफ कृषि उपज मंडी समिति (एपीएमसी) कोई कार्रवाई भी नहीं कर पा रही है। प्रदेश की मंडियों में कई आढ़ती कार्यरत हैं लेकिन इन्हें कैसे कारोबार करने की अनुमति दी जाती है, यह स्पष्ट नहीं है। सरकारी योजनाओं का लाभ लेने या अन्य किसी भी सरकारी कार्य के लिए व्यक्ति का आधार कार्ड जरूरी होता है। राशन डिपो से लेकर बैंक खाते तक के लिए भी व्यक्ति का आधार कार्ड सबसे पहले लिया जाता है लेकिन मंडियों में इस तरह की व्यवस्था न होने के कारण ही शातिर सक्रिय होते हैं जो बागवानों की सालभर की मेहनत की कमाई कर फरार हो जाते हैं। इस साल भी इस तरह के कुछ मामले सामने आए हैं। लूटपाट की सैकड़ों शिकायतों की जांच सीआइडी कर रही है।

सुखद है कि दो साल में करीब एक हजार शिकायतों का निपटारा कर दिया गया है। पुलिस की सख्ती होने के बाद कई आढ़तियों ने बागवानों के पैसे लौटा दिए हैं लेकिन अब भी कुछ लोग सीआइडी का सहयोग नहीं कर रहे हैं। आढ़तियों व व्यापारियों का उचित रिकार्ड न होने के कारण बागवानों से लूट के मामले सामने आते हैं। मंडियों में कार्य करने वाले प्रत्येक आढ़ती व बोली देने वाले व्यापारियों का सारा रिकार्ड रखा जाना चाहिए। बागवानों को भी सतर्क होना होगा।

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