सरकारी कॉलेज में एडमिशन के नाम पर ठगी
fruad on admisstion, राजकीय महाविद्यालय इंदौरा का एक प्राध्यापक कॉलेज के एक चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी ने एडमिशन के नाम पर प्रति छात्र 4-4 हजार रुपये ले लिए, जबकि छात्रों की एडमिशन भी नहीं की।
जेएनएन, इंदौरा। राजकीय महाविद्यालय इंदौरा का एक प्राध्यापक चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी के साथ मिलकर छह-सात युवाओं को एडमिशन के नाम पर ठगते रहे। आरोपितों ने प्रति युवा से चार-चार हजार रुपये भी ले लिए लेकिन उनकी एडमिशन नहीं की। ठगी के शिकार हुए युवाओं ने कॉलेज प्राचार्य को प्राध्यापक के खिलाफ शिकायत सौंपी है। शिकायतकर्ता युवाओं के अनुसार, कॉलेज के एक प्राध्यापक व चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी ने पिछले साल कहा कि वे उनकी एडमिशन महाविद्यालय में करवा देंगे।
शिकायतकर्ताओं के अनुसार वैसे तो बीए प्रथम वर्ष की एडमिशन फीस 2200 रुपये थी, लेकिन उन्होंने प्राध्यापक व चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी को चार-चार हजार रुपये दिए लेकिन फिर भी एडमिशन नहीं हुई। ठगी के शिकार हुए युवाओं ने प्राचार्य से मांग की है कि उक्त प्राध्यापक व चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी को तुरंत प्रभाव से पदों से हटाया जाए। इस तरह के आरोप अध्यापकों की छवि को धूमिल कर रहे हैं। इस बाबत चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी का कहना है कि उसने रुपये प्राध्यापक के पास दे दिए थे।
इसके बाद प्राध्यापक ने रुपयों का क्या किया, इस बारे में उसे जानकारी नहीं है। उधर, प्राध्यापक ने कहा कि उन पर झूठा आरोप लगाया गया है व उन्हें फंसाने का षड्यंत्र रचा गया है। कॉलेज प्राचार्य प्रमोद पटियाल ने कहा कि कुछ छात्रों की शिकायत प्राप्त हुई है। उन्होंने बताया कि सोमवार को प्राध्यापक व चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी का पक्ष सुना जाएगा। उन्होंने कहा कि मामले की निष्पक्षता से जांच की जाएगी और जो भी दोषी पाया जाएगा उसके खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी।