मंत्रिमंडल विस्‍तार के लिए अब दो दिन का इंतजार वरना बजट सत्र के पार, जानिए क्‍या बोले जयराम

Cabinet Expansion हिमाचल प्रदेश के बहुप्रतीक्षित मंत्रिमंडल विस्तार-फेरबदल के लिए चेहरों को लेकर अटकलें जवान हो उठी हैं।

By Rajesh SharmaEdited By: Publish:Sat, 22 Feb 2020 01:17 PM (IST) Updated:Sat, 22 Feb 2020 04:15 PM (IST)
मंत्रिमंडल विस्‍तार के लिए अब दो दिन का इंतजार वरना बजट सत्र के पार, जानिए क्‍या बोले जयराम
मंत्रिमंडल विस्‍तार के लिए अब दो दिन का इंतजार वरना बजट सत्र के पार, जानिए क्‍या बोले जयराम

शिमला, रोहित नागपाल। हिमाचल प्रदेश के बहुप्रतीक्षित मंत्रिमंडल विस्तार-फेरबदल के लिए चेहरों को लेकर अटकलें जवान हो उठी हैं। भाजपा के भीतर के कई कोने सक्रिय हो उठे हैं और खींचतान यह चल रही है कि कौन किसके उपयुक्त और उपयोगी है। इसके बावजूद सरकार और संगठन के करीबी सूत्रों के मुताबिक हर बार टलता आ रहा मंत्रिमंडल विस्तार 25 फरवरी को शुरू हो रहे बजट सत्र से पहले हो जाएगा। शनिवार को मंडी में एक कार्यक्रम के दौरान भी जयराम ठाकुर मंत्रिमंडल विस्‍तार को लेकर पूछे सवाल पर टाल मटोल कर गए व जल्‍द घोषणा की बात कर चलते बने।

साफ है कि 22 के अलावा 23 और 24 फरवरी के दिन ही बचे हैं। संगठन और सरकार पर इसके लिए दिल्ली तक चर्चा लगभग अंतिम दौर में है। मंत्रिमंडल के लिए राकेश पठानिया और सुखराम चौधरी के नाम चर्चा में हैं। एक और मंत्री को हटाया जाना भी तय माना जा रहा है, जिनकी जगह कमलेश कुमारी का नाम चल रहा है। लेकिन पेच विधानसभा अध्यक्ष पद के लिए भी है, जिसके लिए हमीरपुर के विधायक नरेंद्र ठाकुर का नाम भी उछाला गया, जिस पर सहमति बनाते हुए बात कैबिनेट मंत्री वीरेंद्र कंवर तक पहुंच गई है।

दरअसल, सत्र चलाने के लिए विधानसभा अध्यक्ष का होना जरूरी है। यह पद डॉ. राजीव बिंदल के प्रदेश अध्यक्ष बनने के बाद खाली हो गया है। इसके लिए सरकाघाट से कर्नल इंद्र सिंह, हमीरपुर से नरेंद्र ठाकुर के अलावा कांगड़ा के रमेश धवाला तक का नाम शामिल है। हालांकि क्षेत्रीय संतुलन में कांगड़ा के हाथ एक ही पद आना है। शिक्षा मंत्री सुरेश भारद्वाज का नाम चलता रहा है, लेकिन वह इसके लिए तैयार नहीं हैं।

एक अटकल यह भी उभरी है कि बजट सत्र तक पार्टी किसी को नाराज नहीं करेगी यानी यथास्थिति बनाए रखेगी। लेकिन फिर सवाल यह भी किया जा रहा है कि चिरलंबित विस्तार अब भी नहीं हुआ तो आखिर सरकार के साथ खड़ा कौन होगा।

कार्यकारिणी घोषित होते ही बदलेगी तस्वीर

प्रदेशाध्यक्ष डॉ. राजीव बिंदल की कार्यकारिणी घोषित होने के बाद तस्वीर और बदलेगी। जिन्हें संगठन में खास दायित्व मिलेंगे, उनके स्थान पर सरकार में कई बड़े पद खाली होंगे। ऐसे में सतपाल सत्ती, रणधीर शर्मा जैसे नेताओं को भी पुनर्वास की आस है। बेशक इन पदों के लिए सरकार को ज्यादा जल्दी नहीं है। त्रिलोक जम्‍वाल का संगठन में जाना तय माना जा रहा है लिहाजा कुछ नेता इस उम्मीद में हैं कि उन्हें ओएसडी और काबीना दर्जे के साथ सलाहकार का पद मिल जाएगा।

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