लोहड़ी पर्व पर पड़ी कोरोना की मार
बिमल बस्सी कांगड़ा लोहड़ी पर्व पर भी कोरोना की मार पड़ी है। कांगड़ा बाजार में ज्यादातर क
बिमल बस्सी, कांगड़ा
लोहड़ी पर्व पर भी कोरोना की मार पड़ी है। कांगड़ा बाजार में ज्यादातर कारोबारी मायूस ही नजर आए। हालांकि दिवाली उत्सव में कारोबारियों के चेहरे खिले थे और महामारी की परवाह किए बगैर लोगों ने खरीदारी की थी लेकिन लोहड़ी में इसका विपरीत असर देखने को मिला।
बेशक दीवाली के बाद जिले में कोरोना संक्रमितों की संख्या हजारों में थी, लेकिन वर्तमान में अब यह 200 से भी कम रह गई है पर लोग बाजार में आने से कतरा रहे हैं। सबसे बड़ी मार मूंगफली व गजक के कारोबारियों पर पड़ी है। पिछले साल कांगड़ा बाजार में 50 क्विंटल से अधिक गुड़ की देसी गजक का कारोबार हुआ था परंतु इस दफा यह आधा रह गया है। दुकानदारों समेत शहर के विभिन्न हिस्सों में रेहड़ियों व अन्य स्टालों में भी लोहड़ी उत्सव से संबंधित सामान रखा था लेकिन ग्राहक न होने से दुकानदारों को मायूस होना पड़ा। मंदिर बाजार कांगड़ा मूंगफली और गजक के लिए जाना जाता है। सीजन के दौरान यहां तिल धरने को जगह नसीब नहीं होती थी पर इस बार कोरोना की वजह से ज्यादा भीड़ नहीं दिखी।
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कांगड़ा में भाव ( प्रति किलो रुपये में )
गजक 80 से 200
मूंगफली 100-120
रेवड़ी 20-150
अखरोट 300
चिड़बड़े 50-60
गुड़ 50-80
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कोरोना के कारण मूंगफली व गजक के कारोबार पर विपरीत असर पड़ा है। लोग बाजार आने से कतरा रहे हैं। पिछले वर्ष के मुकाबले इस वर्ष आधा कारोबार हुआ है।
-रामप्रसाद सर्दियों का मौसम शुरू होते ही लोग गजक व मूंगफली की मांग करते थे। इस बार वैश्विक महामारी के कारण लोगों में लोहड़ी का उत्साह देखने को नहीं मिला। कारोबार में गिरावट आई है।
कपिल कुमार