कांगड़ा में यात्रियों की उपलब्धता तय करेगी बसों का आवागमन

शनिवार व रविवार को जिला कांगड़ा में हिमाचल पथ परिवहन निगम (एचआरटीसी) बसों का आवागमन यात्रियों की उपलब्धता पर तय होगा। निजी बसों के चलने पर अभी संशय बना हुआ है। परिवहन विभाग की ओर से परिवहन सेवाओं को जारी रखने का फैसला लिया गया है।

By Vijay BhushanEdited By: Publish:Fri, 23 Apr 2021 05:47 PM (IST) Updated:Fri, 23 Apr 2021 05:47 PM (IST)
कांगड़ा में यात्रियों की उपलब्धता तय करेगी बसों का आवागमन
सवारियां होने पर चलेंगी कांगड़ा में बसें। प्रतीकात्मक फोटो

धर्मशाला, संवाद सहयोगी। शनिवार व रविवार को जिला कांगड़ा में हिमाचल पथ परिवहन निगम (एचआरटीसी) बसों का आवागमन यात्रियों की उपलब्धता पर तय होगा। निजी बसों के चलने पर अभी संशय बना हुआ है। परिवहन विभाग की ओर से परिवहन सेवाओं को जारी रखने का फैसला लिया गया है। जिला कांगड़ा की दो निजी बस ऑपरेटर यूनियनों में से एक ने साफ कर दिया है कि लोगों की मूवमेंट ही नहीं होगी तो बसों को चलाए जाने का कोई औचित्य नहीं है। दूसरी यूनियन के मुताबिक ज्यादातर बसों के पहिये थमे रहेंगे और यात्रियों की उपलब्धता पर ही तय हो पाएगा कि बसें चलाएंगे या नहीं।

कोरोना के बढ़ते मामलों के बाद प्रशासन की ओर से शनिवार व रविवार को पूर्णतया बाजार बंद रखने और इस दौरान केवल सामान्य जरूरतों की दुकानें खुली रखने के आदेश जारी किए थे। ऐसे में शनिवार और रविवार को एचआरटीसी ने भी यात्रियों की उपलब्धता पर ही बसों के आवागमन निर्धारित करने का निर्णय लिया है जबकि निजी बस ऑपरेटरों की ओर से ज्यादातर बसें नहीं दौड़ेंगी।

क्या कहते हैं निजी बस ऑपरेटर यूनियनों के अध्यक्ष

शनिवार और रविवार को बसों को चलाए जाने के आदेश हैं और पहले भी खाली बसें दौड़ रही थी। ऐसे में अब मौके पर ही ऑपरेटर निर्धारित करेंगे कि बसें चलाएंगे या नहीं।

-रवि दत्त शर्मा, अध्यक्ष जिला कांगड़ा प्राइवेट बस ऑपरेटर्स वेलफेयर सोसायटी।

जब बाजार बंद होंगे और लोगों की मूवमेंट ही नहीं होगी तो बसों को चलाए जाने का कोई औचित्य नहीं है। बस ऑपरेटर स्वयं तय कर सकते हैं कि उन्हें बसें चलानी हैं या नहीं।

-हैप्पी अवस्थी, अध्यक्ष जिला कांगड़ा बस ऑपरेटर यूनियन।

जिस रूट पर यात्री होंगे, वहां भेजेंगे बसें

यात्रियों की उपलब्धता पर ही बसों का आवागमन होगा। जिस रूट पर यात्री होंगे, उन्हीं रूटों पर बसें भेजी जाएंगी। धर्मशाला डिपो के 85 रूट चल रहे थे, लेकिन बंदिश लगने के बाद पहले ही दिन 45 रूट फेल हुए थे। ऐसे में शनिवार और रविवार को यात्रियों की संख्या और भी कम होगी। -पंकज चड्ढा, क्षेत्रीय प्रबंधक एचआरटीसी धर्मशाला।

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