प्री बोर्ड परीक्षा मतलब पढ़ाई की बर्बादी

संवाद सूत्र नगरोटा सूरियां हिमाचल राजकीय शिक्षक संघ ने प्री बोर्ड परीक्षा का निर्णय वापस लेन

By JagranEdited By: Publish:Mon, 22 Feb 2021 02:34 AM (IST) Updated:Mon, 22 Feb 2021 02:34 AM (IST)
प्री बोर्ड परीक्षा मतलब पढ़ाई की बर्बादी
प्री बोर्ड परीक्षा मतलब पढ़ाई की बर्बादी

संवाद सूत्र, नगरोटा सूरियां : हिमाचल राजकीय शिक्षक संघ ने प्री बोर्ड परीक्षा का निर्णय वापस लेने की मांग की है। संघ का कहना है कि स्कूल शिक्षा बोर्ड ने आठ से 18 मार्च तक प्री बोर्ड परीक्षा लेने का निर्णय लिया है जबकि अप्रैल में वार्षिक परीक्षाएं शुरू हो रही हैं। तर्क दिया कि प्री बोर्ड परीक्षा से बच्चों की पढ़ाई प्रभावित होगी।

शिक्षक संघ ने रविवार को ऑनलाइन बैठक कर दसवीं और जमा दो कक्षाओं की ली जाने वाली प्री बोर्ड परीक्षा के निर्णय पर असहमति जताई। साथ ही परीक्षा को रद करने की मांग उठाई। जिला प्रधान राकेश गौतम की अध्यक्षता में हुई बैठक में उपप्रधान तेजपाल, महासचिव ओंकार सिंह, विभिन्न खंडों से प्रधान महिदर कंवर, प्रताप भारती, यशपाल सिंह, सुरेश चौधरी, विजय शर्मा, नरेंद्र सिंह, राजेश कटोच, प्रदीप परदेसी व संदीप शर्मा आदि ने भाग लिया। साथ ही प्रदेश की स्टेयरिग कमेटी के अध्यक्ष नरेंद्र पठानिया, वित्त सचिव रणबीर सिंह व शशिपाल ऑनलाइन मौजूद रहे। संघ के मीडिया प्रभारी विजय धीमान ने कहा कि मार्च में होने वाली वार्षिक परीक्षाओं को अप्रैल में करने का सराहनीय निर्णय है लेकिन मार्च में प्री बोर्ड परीक्षा का फैसला सही नहीं है। बोर्ड के इस निर्णय का विरोध करते हुए संघ ने कहा कि कोविड 19 के कारण पहले ही बच्चों की पढ़ाई सुचारू रूप से नहीं हो सकी है। ऐसे में अब प्री बोर्ड परीक्षा का क्या औचित्य है। संघ केनेताओं ने कहा कि अब जो थोड़ा समय मिला है उसमें अधिक से अधिक पढ़ाई होनी चाहिए। कोरोना महामारी के कारण पिछले वर्ष मार्च से ही स्कूल बंद रहे हैं और ऑनलाइन ही पढ़ाई हो रही थी। पहली फरवरी से स्कूल खुलने से पढ़ाई हो रही है। ऐसे में बोर्ड ने अब आठ से 18 मार्च तक दसवीं व जमा दो कक्षाओं की प्री बोर्ड परीक्षा लेने का निर्णय लिया है और यह छात्र हित में नहीं है। संघ का कहना है कि इस समय बच्चों को अधिक से अधिक पढ़ाई का मौका देने की जरूरत है। संघ ने बोर्ड प्रशासन से आग्रह किया है कि प्री बोर्ड परीक्षा न ली जाए।

chat bot
आपका साथी