नगर निगम चुनावों में पार्टी के दोहरे मापदंडों से भाजपा कार्यकर्ताओं में छाई निराशा
नगर निगम पालमपुर के चुनाव के बाद सुलगी चिंगारी अब ज्वालामुखी का रूप लेने लगी है। पार्टी ने टिकट अावंटन में पार्टी के जिताऊ व मजबूत उम्मीदवारों को दरकिनार किया अौर अपने तय फार्मुले के तहत टिकट अावंटन किया गया।
धर्मशाला, जेएनएन। नगर निगम पालमपुर के चुनाव के बाद सुलगी चिंगारी अब ज्वालामुखी का रूप लेने लगी है। पार्टी ने टिकट अावंटन में पार्टी के जिताऊ व मजबूत उम्मीदवारों को दरकिनार किया अौर अपने तय फार्मुले के तहत टिकट अावंटन किया गया। नतीजा भी वैसा ही रहा जैसा टिकट अावंटन हुअा था।
लेकिन इस बीच एक बड़ी चीज यह हुई की पार्टी से बाकी होकर चुनाव मैदान में उतरे भाजपा के कई पदों पर अासीन रह चुके सिपहलसार भी फ्रंडफुट पर अाकर खड़े हो गए। पार्टी को नुकसान होता देख पार्टी प्रबंधन ने भी बड़ा विचार करते हुए उन्हें पद व पार्टी से निष्कासित कर दिया। अगर पार्टी चुनाव जीत जाती तो कोई बड़ी बात नहीं थी, लेकिन पहली बार नगर निगम बनी पालमपुर में कांग्रेस का दबदबा हो गया अौर कांग्रेस ने अासानी से अपना महापौर व उपमहापौर भी बना दिया। लेकिन इस बीच पालमपुर में जो भाजपा का कुनवा में है उसमें अाई दरार अौर बड़ी होती गई।
अब हालत यह है कि हार का ठीकरा एक दूसरे पर फोड़ा जा रहा है। जहां भाजपा से बागी होकर चुनाव लड़ने वाले उम्मीदवार अारोप लगा रहे हैं कि भाजपा गलत टिकट अावंटन से हारी तो दूसरी तरफ एेसे प्रत्याशी जिन्होंने कमल चिन्ह से चुनाव लड़ा वह अारोप दाग रहे हैं बागी अौर दागी भाजपा को ज्ञान देने की बात न करें।
वहीं बात करें धर्मशाला नगर निगम की तो यहां पर पार्टी ने 14 लोगों को भाजपा से निष्कासित किया था यह 14 लोग निर्दलीय प्रत्याशी के तौर पर मैदान में उतरकर चुनाव लड़ रहे थे। लेकिन जब दो अाजाद उम्मीदवार भाजपा समर्थित जीत गए तो उन्हें वापस पार्टी में ले लिया गया।
पार्टी के दोहरे मापदंड से जहां पार्टी कार्यकर्ताओं में हताशा है वहीं कई पार्टी से निष्कासित कई बड़े पदों का भी निर्वहन कर रहे थे। एेसे में भाजपा को अादर्श पार्टी बताने वाले कार्यकर्ता भी अाजकर असमंजस की स्थिति में हैं। खैर पालमपुर भाजपा में नगर निगम चुनाव के बाद सुलगी चिंगारी अब दिन प्रतिदिन ज्वालामुखी का स्वरूप लेती जा रही है।