संजय गुलेरिया की ताजपोशी से गरमाई जवाली की सियासत, कार्यकर्ताओं में दिखा जोश, स्वागत समारोह आज से

जवाली हलके के भाजपा नेता संजय गुलेरिया को राष्टीय बचत राज्य सलाहकार बोर्ड का वाइस चेयरमैन बनाए जाने पर हलके की सियासत गरमा गई। उनकी ताजपोशी को लेकर मौजूदा विधायक की कार्यप्रणाली से रुष्ट भाजपाइयों में खासा जोश दिख रहा है।

By Richa RanaEdited By: Publish:Fri, 30 Jul 2021 09:21 AM (IST) Updated:Fri, 30 Jul 2021 09:21 AM (IST)
संजय गुलेरिया की ताजपोशी से गरमाई जवाली की सियासत, कार्यकर्ताओं में दिखा जोश, स्वागत समारोह आज से
संजय गुलेरिया को रार्ष्‍ट्रीय बचत राज्य सलाहकार बोर्ड का वाइस चेयरमैन बनाए जाने पर हलके की सियासत गरमा गई।

जवाली, संवाद सूत्र। जवाली हलके के भाजपा नेता संजय गुलेरिया को रार्ष्‍ट्रीय बचत राज्य सलाहकार बोर्ड का वाइस चेयरमैन बनाए जाने पर हलके की सियासत गरमा गई। उनकी ताजपोशी को लेकर मौजूदा विधायक की कार्यप्रणाली से रुष्ट भाजपाइयों में खासा जोश दिख रहा है।

गौरतलब है कि मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर की घोषणा के बाद गुलेरिया के साथ काफी कार्यकर्ता शिमला पहुंच गए थे और सचिवालय में उनको बधाई देकर लौटे। उनके लौटने पर भव्य स्वागत होगा, लेकिन चुनाव से पहले गुलेरिया की ताजपोशी के कई मायने हैं, वहीं जवाली में कांग्रेस की खींचतान का लाभ भी भाजपा लेना चाहेगी।

आज होगा स्वागत समारोह

वहीं, हलके में अपने नेता की ताजपोशी को लेकर कार्यकर्ताओं ने शुक्रवार से स्वागत समारोह भी रखा है।

30 जुलाई को गुलेरिया का सुबह साढ़े दस बजे भाली में, 11 बजे 32 मील, 11 बजकर 35 मिनट पर कोटला, 12 बजटकर 20 मिनट पर धड़ूं में, एक बजे लब में और डेढ़ बजे पीडब्ल्यूडी रेस्ट हाउस जवाली में स्वागत किया जाएगा। इसके बाद गुलेरिया नगरोटा सूरियां रवाना होंगे, जहां कार्यकर्ता ढ़ोल-नगाड़ों के साथ अपने अपने ढंग से स्वागत करेंगे।

चुनाव से पहले गुलेरिया की ताजपोशी के कई मायने

सियासी जानकारों का कहना है कि विधानसभा चुनाव से ठीक डेढ़ वर्ष पहले गुलेरिया की ताजपोशी कर भाजपा ने एक तीर से दो निशाने किए हैं। एक ओर चुनाव के बाद भाजपा सरकार के गठन के बाद से गुलेरिया को कोई औहदा न दिए जाने से उनके समर्थक कुछ नाराज चल रहे थे। बताया जाता है कि गुलेरिया भी जवाली हलके से पिछला विधानसभा चुनाव लड़ना चाहते थे, लेकिन पार्टी के आला नेताओं ने उन्हें मौजूदा विधायक अर्जुन सिंह के पक्ष में बिठा दिया था, ऐसे में समर्थकों को पूरी उम्मीद थी कि उनके नेता को सरकार के गठन के बाद नजरअंदाज नहीं किया जाएगा लेकिन चार सालों तक ऐसा कुछ नहीं हुआ। अब ऐन वक्त पर उनकी ताजपोशी भाजपा के लिए आने वाले विस चुनाव में बेहतर साबित होने की संभावना है।

गुटबाजी का लाभ लेने की तैयारी में भाजपा

वहीं, दूसरी ओर कांग्रेस में भी मौजूदा समय में गुटबाजी चल रही है। ऐसे में भाजपा इस चीज को भूनाना चाहती है और अपने रिपीट मिशन को हलके में दोहराना चाहेगी। जवाली कांग्रेस के कई कर्मठ कार्यकर्ता एवं पदाधिकारी पिछले विधानसभा चुनाव के दौरान कांग्रेस का दामन छोड़कर भाजपा के साथ चले थे। इसके साथ पूर्व मंत्री चौधरी चंद्र कुमार को घेरने के लिए कुछ कांग्रसी कार्यकर्ता भी अपनी दावेदारी पक्की करने में जुटे हैं। हालांकि, कांग्रेस नेता इस बात को नकार रहे हैं कि पार्टी में कोई गुटबाजी है। वहीं, भाजपा इसका फायदा लेने की फिराक में है।

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