शांता कुमार की आत्मकथा निज पथ का अविचल पंथी पुस्तक के अंग्रेजी अनुवाद का विमोचन

Shanta kumar Book Redemption पूर्व मुख्यमंत्री शांता कुमार की आत्मकथा निज पथ का अविचल पंथी का का आज विमोचन हुआ। पुस्तक के विमोचन अवसर पर कार्यक्रम की अध्यक्षता केंद्रीय विश्व विद्यालय हिमाचल प्रदेश कुलपति डाक्‍टर सत प्रकाश बसंल ने की।

By Rajesh Kumar SharmaEdited By: Publish:Sun, 14 Nov 2021 11:58 AM (IST) Updated:Sun, 14 Nov 2021 07:38 PM (IST)
शांता कुमार की आत्मकथा निज पथ का अविचल पंथी पुस्तक के अंग्रेजी अनुवाद का विमोचन
पूर्व मुख्यमंत्री शांता कुमार की आत्मकथा निज पथ का अविचल पंथी का का आज विमोचन हुआ।

पालमपुर, संवाद सहयोगी। पूर्व मुख्यमंत्री शांता कुमार की रचित आत्मकथा 'निज पथ का अविचल पंथी' पुस्तक का अंग्रेजी अनुवाद 'लिविंग माई कन्विक्शंस' का विमोचन रविवार को प्रणय सभागार में केंद्रीय विश्वविद्यालय के कुलपति डा. सत्य प्रकाश बंसल की अध्यक्षता में किया गया। हालांकि पुस्तक के हिंदी अनुवाद का विमोचन फरवरी को दिल्ली में हुआ था, लेकिन शांता कुमार की पत्नी स्व. संतोष शैलजा की इच्छा पर उनकी पुत्रियों ने अंग्रेजी में अनुवाद कर अपनी मां की अंतिम इच्छा पूरी की। व्यस्ततम राजनीतिक व सामाजिक जीवन के बावजूद शांता कुमार ने 20 पुस्तकों का लेखन करके समाज को सही दिशा देने में अभूतपूर्व योगदान दिया है।

डा. सत्य प्रकाश बंसल ने कहा कि यह आत्मकथा केवल एक पुस्तक नहीं, बल्कि लेखक के अनुभव का जीवंत दस्तावेज है। इसे प्रत्येक विद्यालय और महाविद्यालय के पुस्तकालय में अवश्य होना चाहिए, ताकि विद्यार्थी भी उनके अनुभव से लाभान्वित हो सके तथा शांता कुमार के जीवन मूल्यों को अपने चरित्र में ढालकर अपने चरित्र को सुदृढ़ बना सकें।

उन्होंने कहा कि केंद्रीय विश्वविद्यालय के पंजाबी विभाग में इस पुस्तक का पंजाबी संस्करण भी विश्वविद्यालय परिसर में विमोचित किया जाएगा। केंद्रीय विश्वविद्यालय की छात्रा ने शांता कुमार पर शोध की इच्छा जताई है।

कार्यक्रम में पूर्व चुनाव आयुक्त केसी शर्मा ने कहा कि शांता कुमार एक विलक्षण व्यक्तित्व हैं जिन्होंने मूल्यों की राजनीति की और समाजोपयोगी अनेक नवोन्मेष किए। फिर चाहे वो अंत्योदय अन्न योजना का आरंभ हो या वन लगाओ रोजी पाओ का नारा। उनके प्रत्येक प्रयास में समाज का कल्याण ही दृष्टिगोचर होता है। उनकी आत्मकथा समाज एवं युवाओं को सही दिशा देने में सार्थक भूमिका निभाएगी।

शांता कुमार ने पुस्तक विमोचन समारोह में पहुंचे अतिथियों और प्रशंसकों से कहा कि उन्होंने स्वयं निज पथ का अविचल पंथी पुस्तक में आत्मकथा लिखी है। उनकी पत्नी संतोष शैलजा की तमन्ना थी कि इस पुस्तक का अनुवाद अंग्रेजी में भी होना चाहिए और इसका अनुवाद दुबई में रहने वाली उनकी बेटी इंदु ने किया है। उन्होंने पुस्तक को पत्नी संतोष शैलजा को समर्पित करते हुआ कहा कि उनकी याद में यह कार्यक्रम श्रद्धांजलि समारोह भी बना रहा। भगवान, जनता और उनकी पार्टी भाजपा ने उन्हें बहुत कुछ दिया है। यहां तक पार्टी ने उन्हें राष्ट्र संघ में भी तीन बार संबोधन का मौका दिया। उन्हें किसी से कोई गिला-शिकवा नहीं है, लेकिन वह अब सक्रिय राजनीति और साहित्य लेखन से हटकर स्वामी विवेकानंद के चरणों में अपना जीवन व्यतीत करना चाहते हैं। साथ ही विवेकानंद ट्रस्ट में चल रहे विश्रांति का काम, कायाकल्प और विवेकानंद अस्पताल में सेवा करना चाहते हैं। यह उनके साहित्यिक जीवन का भी अंतिम कार्यक्रम है व साहित्य को भी अब विश्राम दे रहे हैं। इस मौके पर पूर्व विधानसभा अध्यक्ष बृज बिहारी बुटेल, विधायक आशीष बुटेल, मुल्खराज प्रेमी व रङ्क्षवद्र धीमान, शहीद सौरभ कालिया के पिता डा. एनके कालिया, शहीद विक्रम बतरा के पिता जीएल बतरा, विक्रम शर्मा, पूर्व विधायक प्रवीण कुमार, पूर्व जिला अध्यक्ष विनय शर्मा, एनके आचार्य, डा. आशुतोष गुलेरी समेत कई लोग मौजूद रहे।

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