भाजपा ने सरकार के साथ तालमेल के लिए इस तरह की तैयारी
भाजपा ने शिमला में तीन दिन मंथन कर सरकार व संगठन के बीच बेहतर समन्वय का रास्ता निकाला है। बैठक में भाजपा के हर विधायक से लेकर 2017 तक के प्रत्याशी को सुना गया। इसमें अभी तक क्या किया है।
शिमला, जागरण संवाददाता : भाजपा ने शिमला में तीन दिन मंथन कर सरकार व संगठन के बीच बेहतर समन्वय का रास्ता निकाला है। बैठक में भाजपा के हर विधायक से लेकर 2017 तक के प्रत्याशी को सुना गया। इसमें अभी तक क्या किया है, इसका रिकार्ड लिखित में लिया तो आगे क्या काम करना चाहते हैं, इसकी डिटेल भी विधायकों व प्रत्याशियों से ली। पार्टी की ओर से डेढ़ साल में क्या काम करने हैं, इसकी डिटेल सरकार को बना कर सौंपी है।
अब सरकार विधायकों व 2017 के प्रत्याशियों के हलके में उनकी प्राथमिकता के मुताबिक काम करेगी। हर मोर्चे की सुनवाई होगी। मुख्यमंत्री के समक्ष अपनी बात रखने का सीधा मौका मिलेगा। 2022 में जीत का रास्ता निकालने के लिए हर बूथ को मजबूत करने का फैसला लिया है। 2017 में भी भाजपा ने एक बूथ पर 20 कार्यकर्ता तैनात किए थे। इस बार इनकी संख्या 100 तक पहुंचाने की तैयारी है। प्रदेश में 7200 से ज्यादा बूथ हैं। भाजपा के मुताबिक हर बूथ पर टीम तैयार हो जाती है तो सात लाख से ज्यादा इन बूथों पर कार्यकर्ता 2022 में पार्टी के काम को संभाल रहे होंगे। यह आंकड़ा भाजपा के पिछले प्लान यानि पन्ना प्रमुख या अन्य प्रमुखों के मुकाबले कहीं ज्यादा होगा। सरकार का हर मंत्री जिला का प्रभारी होगा। इससे जिला के संगठन की हर बात को कैबिनेट के समक्ष लाने में आसानी होगी। कैबिनेट में जिला की समस्या पहुंचने के बाद इसका रास्ता निकलना तय है। ऐसे में भाजपा ने तीन दिन शिमला के पीटरहाफ में मंथन कर 2022 तक सरकार व संगठन के बीच बेहतर तालमेल बना कर काम कर और हर मोर्चे की सक्रियता के दम पर मिशन रिपीट की तैयारी शुरू कर दी है।
------
पहले चुनौती थे, अब लाना होगा साथ
एक साल में शिमला हलके में पूर्व मंत्री के बेटे की सक्रियता वर्तमान में मंत्री सुरेश भारद्वाज के लिए चुनौती थी। कोरोना काल में शिमला में उनकी सक्रियता को लेकर संगठन से लेकर सरकार तक मामला पहुंच गया था। इसके बाद मंत्री की सक्रियता का मामला भी दोनों ही जगह पहुंचा। अब उपचुनाव में उन्हें ही साथ लेकर चुनावी समर में उतरना होगा। भाजपा में जुब्बल कोटखाई के लिए मंत्री को प्रभारी लगाया है, हालांकि साल भर पहले बरागटा परिवार व मंत्री के बीच में काफी तनातनी थी, इसलिए उपचुनाव के दौरान भाजपा को सभी को साथ लाना चुनौती हो सकता है।
-------
भारद्वाज को प्रभारी बना कर एक तीर से दो निशाने
शहरी विकास मंत्री सुरेश भारद्वाज को जुब्बल कोटखाई उपचुनाव का प्रभारी बनाने के बाद महासू जिला के प्रभारी का जिम्मा भी संगठन ने सौंप दिया है। उनके विरोधी धड़े में परेशानी है कि उपचुनाव ही नहीं बल्कि अगले साल तक क्षेत्र के विकास के लिए मंत्री के साथ तालमेल से रहना होगा। ऐसे में संगठन ने उपचुनाव में तालमेल बनाने का रास्ता भी साफ कर दिया है। संगठन ने अपने इस तीर से दो निशाने साधे हैं। एक तो उपचुनाव दूसरा विरोध के स्वर भ्ी धीमे रहेंगे।