विरासत की राजनीति पर ब्रेक लगा सकता है भाजपा का फैसला, हिमाचल के ये नेता लांचिंग के लिए थे तैयार
Himachal BJP Inheritance Politics भाजपा प्रभारी अविनाश राय खन्ना ने स्पष्ट कर दिया है कि उपचुनाव के लिए परिवारवाद पर जो फैसला पार्टी ने लिया है उसे आगे भी लागू किया जाएगा। कई बड़े राजनीतिक घरानों की अगली पीढ़ी की लांचिंग की उम्मीद पर पानी फिरता नजर आ रहा है।
शिमला, जागरण संवाददाता। Himachal BJP Inheritance Politics, भाजपा के प्रदेश प्रभारी अविनाश राय खन्ना ने स्पष्ट कर दिया है कि उपचुनाव के लिए परिवारवाद पर जो फैसला पार्टी ने लिया है, उसे आगे भी लागू किया जाएगा। इससे प्रदेश के कई बड़े राजनीतिक घरानों की अगली पीढ़ी की लांचिंग की उम्मीद पर पानी फिरता नजर आ रहा है। इनकी अगली पीढ़ी की लांचिंग 2022 में करवाने की सुगबुगाहट राजनीतिक गलियारों में शुरू हुई थी। इस बीच कुछ ने तो सक्रियता से हलके में काम भी शुरू कर दिया था। माहौल कोरोना महामारी का था तो जनसेवा के नाम पर नई पीढ़ी को लोगों के बीच में उतार कर अलग पहचान बनाने की कवायद शुरू हो गई थी।
उपचुनाव में भाजपा ने देशभर के लिए जो नीतिगत फैसला लिया है, उससे कई बड़े नेताओं को सोचने पर मजबूर जरूर कर दिया है। हिमाचल भाजपा में धूमल परिवार बड़ा राजनीतिक घराना है। लंबे समय तक पार्टी व हिमाचल की सेवा भी की है। पूर्व मुख्यमंत्री प्रेम कुमार धूमल के बेटे अनुराग ठाकुर केंद्रीय मंत्री हैं। छोटा बेटा अरुण धूमल बीसीसीआइ में पदाधिकारी है। हालांकि राजनीतिक में भी वह काफी सक्रिय रहे हैं। उनकी सक्रियता को देखते हुए हर चुनाव से पहले उनकी लांचिंग की चर्चा रहती है, लेकिन पार्टी का फैसला चर्चा पर विराम लगा सकता है।
वहीं, भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा के बेटे हरीश नड्डा ने भी कोरोना काल के दौरान काफी सक्रियता से काम किया। संस्था के माध्यम से काफी लोगों तक मदद पहुंचाई। इसके बाद जानकार उनकी भी राजनीति में एंट्री जल्द ही मान कर चल रहे थे। इस पर भी अब क्या होगा, यह देखने लायक होगा। प्रदेश के जल शक्ति मंत्री महेंद्र सिंह के बेटे रजत ठाकुर व बेटी वंदना गुलेरिया दोनों ही राजनीति में सक्रिय हैं। हालांकि पार्टी के फैसले से आम कार्यकर्ता को आगे आने का मौका मिल सकता है।
भाजपा में पिता की विरासत संभाल रहे नरेंद्र ठाकुर
वर्तमान में भाजपा के हमीरपुर से विधायक नरेंद्र ठाकुर ही हैं, जिनके पिता भी विधायक रह चुके हैं। पूर्व मंत्री जगदेव ठाकुर के बेटे नरेंद्र ठाकुर भी लंबे समय के संघर्ष के बाद पार्टी की टिकट पर विधायक बने हैं। इनसे पहले पूर्व शिक्षा मंत्री आइडी धीमान के बेटे विनय धीमान का टिकट भी इसी तरह से परिवारवाद के नाम पर कट चुका है।