कंधे पर शव उठाने का मामला: संक्रमित होने की खबर आग की तरह फैल जाती है पर मां की मौत का पता हीं नहीं चला

Son Put Mother Dead body on Soldier वीरवार सुबह कोरोना संक्रमित मेरी मां की मृत्यु हो गई। मैंने प्रधान को सूचना देकर शव ले जाने के लिए ट्राली की व्यवस्था करने को कहा। उन्होंने कहा कि दो तीन लोगों से बात हुई लेकिन वे कुछ मान नहीं रहे।

By Rajesh Kumar SharmaEdited By: Publish:Sat, 15 May 2021 02:59 PM (IST) Updated:Sat, 15 May 2021 02:59 PM (IST)
कंधे पर शव उठाने का मामला: संक्रमित होने की खबर आग की तरह फैल जाती है पर मां की मौत का पता हीं नहीं चला
रानीताल के भंगवार गांव में वीर सिंह ने मां के शव को अकेले कंधे ने पर उठाकर श्‍मशानघाट पहुंचाया।

कांगड़ा, विमल बस्सी। 'वीरवार सुबह साढ़े चार बजे कोरोना संक्रमित मेरी मां की मृत्यु हो गई। मैंने प्रधान को सूचना देकर शव ले जाने के लिए ट्राली की व्यवस्था करने को कहा। उन्होंने कहा कि दो तीन लोगों से बात हुई लेकिन वे कुछ मान नहीं रहे। कहा...किसी को मजबूर तो किया नहीं जा सकता। उसके बाद उनका नंबर नॉट रीचेबल हो गया। मैंने प्रशासनिक अधिकारियों के संपर्क नंबर मांगे जो मुझे नहीं मिले। आशा वर्कर के माध्यम से पीपीई किट आनी थी पर मैंने कहा कि कोई जरूरत नहीं क्योंकि घर में तीन चार पीपीई किट हैं। जब गांव में कहीं से मदद नहीं मिली तो साढ़े ग्यारह बजे मैंने खुद ही हिम्मत करके मां की पार्थिव देह को कंधे पर ले जाकर श्मशान घाट तक पहुंचाया, और उनका अंतिम संस्कार किया।

क्या करता? जिस गांव में किसी के पॉजिटिव आने की खबर आग की तरह फैल जाती है वहां मेरी मां की मौत की खबर का किसी को पता ही नहीं चला? प्रधानजी को बुखार भी था तो क्या पंचायत में उपप्रधान और पंच नहीं होते? हां, गांव के कुछ लोगों ने लकड़ी का प्रबंध श्मशान घाट पर कर रखा था। मैंने मां के शव को उठाया, मेरी पत्नी ने दो साल की बच्ची को और अंतिम संस्कार के बाकी सामान को...। फोन पर यह बातचीत की वीर सिंह ने। वीर सिंह, रानीताल के पास गांव भंगवार के हैं। शुक्रवार सुबह से ही इंटरनेट मीडिया पर अकेले ही मां के शव को उठा कर अंतिम संस्कार के लिए ले जाने का फोटो वायरल हुआ था। हालांकि प्रशासन और पंचायत प्रधान का दावा है कि पूरी मदद दी जानी थी लेकिन मृतका के बेटे ने जल्दबाजी की।

एसडीएम कांगड़ा अभिषेक वर्मा कहते हैं, 'इस तरह की मुश्किल घड़ी में प्रशासन द्वारा मुहैया कराई जाने वाली समस्त सुविधाओं को छोड़ अंतिम संस्कार की प्रक्रिया बेहद दुखद है। प्रशासन को महिला के निधन की जानकारी मिल गई थी तथा गांव के प्रधान बीएमओ के संपर्क में थे। पीपीई किट तथा अन्य सुविधायें मुहैया कराने की तैयारी थी. इलाके की आशा वर्कर पीडि़त परिवार के संपर्क में थी. इसके बावजूद भी पीडि़त ने अकेले ही संस्कार कर दिया।Ó

भंगवार पंचायत के प्रधान सूरम सिंह का कहना है, 'पीडि़त के घर पीपीई किट भेजी थी पर उन्होंने लेने से इन्कार कर दिया। दोबारा पीडि़त की तरफ से संपर्क नहीं हुआ। इससे पहले कि मैं कोई अन्य व्यवस्था करता, वीर ङ्क्षसह ने अंतिम संस्कार जल्दबाजी में कर दिया, जिसका मुझे मलाल रहेगा।Ó

सवाल यह है कि अगर प्रशासन को जानकारी थी, प्रधान भी संपर्क में थे और खंड चिकित्सा अधिकारी भी संपर्क में थे तो वीर सिंह को रुकने के लिए क्यों नहीं कहा गया? आखिर पंचायत का पूरा अमला कहां था? वाहन की व्यवस्था हो रही है, वह कुछ देर रुक जाए...क्या यह सब किसी ने वीर सिंह को बताया? गांव के लोग दूर से ही सही, उसका मनोबल नहीं बढ़ा सकते थे?

किसी के साथ ऐसा न हो, इसलिए 94186-72772 या 70181-31364 पर करें संपर्क

एसडीएम कांगड़ा अभिषेक वर्मा ने कहा ऐसी विकट परिस्थितियों में अगर कोई परिवार अंतिम संस्कार करने में असमर्थ है या शव को श्मशान घाट तक पहुंचाने की स्थिति में नहीं हो तो वह इसकी सूचना इलाके के प्रधान या कोविड नियंत्रण रूम में अवश्य दें। नोडल अफसर एवं प्रभारी वरुण गुप्ता के साथ 94186-72772 या 70181-31364 पर संपर्क किया जा सकता है। कांगड़ा उपमंडल में दाह संस्कार के लिए गाड़ी व पीपीई किट सहित आठ स्वयंसेवी हैं, जिनका कार्य संक्रमित व्यक्तियों की मृत्यु पर उपमंडल के निर्धारित स्थलों पर अंत्येष्टि करना है।

हर संक्रम‍ित का प्रशासन करवाएगा अंतिम संस्‍कार

उपायुक्त कांगड़ा राकेश प्रजापति का कहना है 'अब निर्णय लिया गया है कि अगर कहीं पर घर में कोविड के चलते किसी की मौत होती है तो उसका अंतिम संस्कार भी प्रशासन करवाएगा, लेकिन इसकी जानकारी प्रशासन को देनी होगी। कोविड से मौत के बाद अगर कहीं पर अंतिम संस्कार के लिए गांव या शहर में कोई आपति जताता है तो  उसके खिलाफ भी सख्त कदम उठाए जाएंगे।

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