बोले अतुलकृष्ण महाराज : कथा से ही होता है जीव कल्याण

श्रीस्वस्थानी माता व्रत कथा जीवन को संवारने वाली कथा है। यह कथा स्वयं का कल्याण तो करती ही है पितरों को भी तार देती है। कथा से जीव का जितना कल्याण होता है उतना अन्य साधनों से नहीं होता है।

By Richa RanaEdited By: Publish:Fri, 26 Feb 2021 07:48 AM (IST) Updated:Fri, 26 Feb 2021 07:48 AM (IST)
बोले अतुलकृष्ण महाराज : कथा से ही होता है जीव कल्याण
श्रीस्वस्थानी माता व्रत कथा जीवन को संवारने वाली कथा है।

देहरा, जेएनएन। श्रीस्वस्थानी माता व्रत कथा जीवन को संवारने वाली कथा है। यह कथा स्वयं का कल्याण तो करती ही है, पितरों को भी तार देती है। भगवती की माधुर्यमय लीलाएं चंचल चित को स्वयं ही वश में कर लेती हैं। कथा से जीव का जितना कल्याण होता है उतना अन्य साधनों से नहीं। कितने आश्चर्य की बात है कि हमें जैसे-तैसे हर कार्य के लिए समय मिल जाता है पर भजन के लिए वक्त ही नहीं निकल पाता।

वास्तव में भजन करना सबसे चतुराई एवं मुनाफे वाला काम है। महामाई उन भक्तों की सदा ही रक्षा किया करती हैं जो उनका अनन्य भाव से स्मरण करते हैं। हमारे अंदर छिपी हुई आध्यात्मिक योग्यता भगवती की कथा एवं सत्संग ही उजागर कर सकती है। कथासूत्र श्रीस्वस्थानी माता मंदिर रक्कड़ में जारी कथा के दौरान परम श्रद्धेय अतुल कृष्ण जी महाराज ने व्यक्त किए।

इस मौके पर उन्होंने कहा कि मानव जीवन एक संगीत है। इस रहस्य को खोलने में जो कामयाब हो जाता है वह आनंद से भर जाता है तथा जो इस राज को नहीं खोल पाता वह दुख में जीता है। फूलों के छोटे-छोटे बीज भी कंकड़ पत्थर जैसे ही दिखते हैं पर कोई माली ही इन्हें पहचान सकता है अन्यथा अनजान तो इन्हें बेकार समझ कर फेंक देगा। घर में रखी हुई वीणा संगीत से अनजान के लिए निरर्थक वस्तु मालूम पड़ती है पर कोई संगीतज्ञ उसी से कण-कण में संगीत घोल देता है तथा हमारे जीवन में भी यही सूत्र लागू होते हैं।

अतुल कृष्ण ने कहा कि ईश्वर के प्रति हमारी प्रीति जल बिन मछली की तरह हो जाए तो अपने जीवन को सफल जानिए। वीरवार को कथा में गोमा ब्राह्मणी का प्रसंग, सप्तऋशि द्वारा माता स्वस्थानी के व्रत का उपदेश, नवराज को राजा बनने का वरदान एवं चन्द्रावती द्वारा माता के प्रसाद का अनादर वृतांत सभी ने तन्मय होकर सुना।

इस अवसर पर सुप्रीम कोर्ट के वरिष्ठ अधिवक्ता विनोद शर्मा, प्रकाश चंद, ओमदत्त,शिवकुमार,अश्विनी शर्मा, दीपा शर्मा,शुक्ला देवी, सतीष ठाकुर, रतनचंद पूर्व प्रधान, प्रकाश चंद, रणजीत सिंह, शिवानी देवी, प्रेमचंद रक्क्ड़,धर्म सिंह, रमेशचंद, कुलदीप सिंह, मुकेश शर्मा, नवीन शर्मा, उमेश डोगरा, अक्षय शर्मा, रीना शर्मा,सुषमा सूद, मंजू शर्मा, रजनी सूद,अल्का,श्यामा, इंदू,सुदर्शना, रजनी ठाकुर, पूजा सहित अनेक लोग प्रमुख रूप से उपस्थित रहे।

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