बहा रहे पसीना पर कितना हो रहा सुधार, पता नहीं

मुनीष गारिया धर्मशाला कोरोना प्रदेश के खिलाड़ियों के साथ भी खूब खेल रहा है। खिलाड़ियों

By JagranEdited By: Publish:Fri, 07 May 2021 01:13 AM (IST) Updated:Fri, 07 May 2021 01:13 AM (IST)
बहा रहे पसीना पर कितना हो रहा सुधार, पता नहीं
बहा रहे पसीना पर कितना हो रहा सुधार, पता नहीं

मुनीष गारिया, धर्मशाला

कोरोना प्रदेश के खिलाड़ियों के साथ भी खूब खेल रहा है। खिलाड़ियों में खेल को लेकर जज्बा और हिम्मत तो है, लेकिन कोरोना का दंश कहीं न कहीं उनके मनोबल पर चोट करने में जुटा है। कोरोना काल के कारण खेलकूद गतिविधियां व प्रतियोगिताएं बंद पड़ी हुई हैं। ऐसे में खिलाड़ियों को अपने हुनर का दम दिखाने का भी अवसर नहीं मिल रहा है।

विभिन्न हॉस्टलों व अकादमियों में प्रशिक्षण हासिल करने वाले एथलीट पिछले एक साल से घरों में बंद हो गया हैं। अब यह खिलाड़ी घरों में रहकर ही प्रशिक्षण हासिल करने के लिल मजबूर हैं। ऑल इंडिया मास्टर वेटर्न ट्रिपल जंप में 2014 से 2017 तक स्वर्ण पदक और 2018 में कांस्य व 2014 में श्रीलंका में हुई अंतरराष्ट्रीय प्रतियोगिता में सिल्वर मेडल विजेता एथलीट विक्रम चौधरी ने अपने अनुभव साझा करते हुए कहा कि कोरोना काल का सबसे ज्यादा असर कम आयु वर्ग के खिलाड़ियों पर पड़ रहा है। प्रतियोगिताएं न होने से उन्हें हुनर का जौहर दिखाने का अवसर नहीं मिल रहा है। एथलीट पिछले एक साल से घरों में अकेले अभ्यास तो कर रहे हैं, लेकिन बिना कोच के उन्हें यह भी पता नहीं चल पा रहा है कि उनकी खेल क्षमता में सुधार हो भी रहा है या परफॉर्मेस नीचे जा रही है। बकौल विक्रम, वह नियमित तौर पर सुबह शाम अभ्यास करते हैं, लेकिन आयोजन न होने से कई बार बहुत ज्यादा मानसिक रूप से हतोत्साहित हो जाते हैं। मानसिक तनाव को दूर करने के लिए फुटबॉल या वालीबॉल जैसी अन्य खेलों के अभ्यास करने लगते हैं।

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युवा खिलाड़ियों पर बड़ी मार

धर्मशाला स्थित सेंटर ऑफ एक्सीलेंस के एथलीट मार्च में एक साल के बाद आने शुरू हुए थे। यहां आकर अभी उन्होंने करीब एक या दो सप्ताह ही अभ्यास किया था कि अब उन्हें 15 अप्रैल से फिर वापस घर भेज दिया है। सेंटर प्रशासन ने टैक्सी के माध्यम से घर भेजा है।

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ऑनलाइन प्रशिक्षण के नाम पर हो रही औपचारिकता

सेंटर ऑफ एक्सीलेंस के खिलाड़ी अब घरों से ऑनलाइन प्रशिक्षण हासिल कर रहे हैं। उनके कोच उनसे नियमित बातचीत तो कर रहे हैं, लेकिन उनकी परफॉर्मेस का पूरा पता नहीं चल पा रहा है। इसका कारण यह है कि वाट्सएप के माध्यम से वह बहुत लंबे वीडियो नहीं भेज पा रहे हैं। छोटी -छोटी वीडियो से खिलाड़ियों के प्रदर्शन का पता नहीं चल सकता। यह बात कोच भी स्वीकार कर रहे हैं।

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15 अप्रैल को सभी एथलीट घर वापस भेज दिए हैं। अधिकतर खिलाड़ियों को टैक्सी के माध्यम से भेजा है। कुछ खिलाड़ियों को विमान सेवा के माध्यम से भेजना पड़ा है।सरकार के निर्देश थे कि खिलाड़ियों की सुरक्षा सबसे पहले है।

-सुनीता, प्रभारी सेंटर ऑफ एक्सीलेंस, धर्मशाला।

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