लाहुल के लोगों को अब मिलेगी असल आजादी, अटल के मित्र सहित ये बुजुर्ग करेंगे सबसे पहले टनल पार, पढ़ें खबर

Atal Tunnel Rohtang लाहुल के लोगों को असल आजादी तीन अक्‍टूबर को मिलने वाली है। बर्फ के पहाड़ से आजादी जो छह महीने के लिए उन्‍हें देश दुनिया से अलग थलग कर देता था। मौसम साफ होने पर सिर्फ हेलिकॉप्‍टर ही एक जरिया होता था।

By Rajesh SharmaEdited By: Publish:Mon, 28 Sep 2020 11:55 AM (IST) Updated:Mon, 28 Sep 2020 11:55 AM (IST)
लाहुल के लोगों को अब मिलेगी असल आजादी, अटल के मित्र सहित ये बुजुर्ग करेंगे सबसे पहले टनल पार, पढ़ें खबर
लाहुल के लोगों का सपना तीन अक्‍टूबर को साकार होने जा रहा है।

मनाली, जेएनएन। लाहुल के लोगों को असल आजादी तीन अक्‍टूबर को मिलने वाली है। बर्फ के पहाड़ से आजादी, जो छह महीने के लिए उन्‍हें देश दुनिया से अलग-थलग कर देता था। मौसम साफ होने पर सिर्फ हेलिकॉप्‍टर ही एक जरिया होता था। लेकिन हेलिकॉप्‍टर की पहुंच भी हर किसी तक नहीं रहती थी। बीमार या अन्‍य इमरजेंसी में हेलिकॉप्‍टर सुविधा मिल पाती थी। सर्दी के मौसम में रोहतांग दर्रे पर बर्फ पड़ जाने के बाद लाहुल का कुल्‍लू जिला से पूरी तरह से संपर्क कट जाता था। लेकिन अब अटल रोहतांग सुरंग के बन जाने से लोग 12 महीने देश दुनिया से जुड़े रहेंगेे।

अटल टनल रोहतांग के तीन अक्टूबर को उद्घाटन के बाद लाहुल-स्पीति के बुजुर्ग प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से पहले इसे पार करेंगे। प्रधानमंत्री कार्यक्रम में लाहुल घाटी के बुजुर्गों को सम्मानित करेंगे और साउथ पोर्टल में बस को हरी झंडी दिखाकर सुरंग से रवाना करेंगे। इसमें 15 बुजुर्गों को बैठाया जाएगा। लाहुल-स्पीति जिला प्रशासन ने बुजुर्गों की सूची भी तैयार कर ली है। प्रदेश सरकार ने लाहुल-स्पीति के बुजुर्गों के सम्मान में कार्यक्रम रखा है, जिन्होंने इस ऐतिहासिक पल के लिए लंबा  इंतजार किया है। हालांकि अटल टनल निर्माण में योगदान देने वाली कई हस्तियां अब इस दुनिया में नहीं हैं, लेकिन सरकार उनको भी याद करेगी।

इनमें पूर्व विधायक लता ठाकुर, पूर्व विधायक देवी सिंह ठाकुर, पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी के सखा (मित्र) अर्जुन गोपाल उर्फ टशी दवा, कर्नल हिशे डोगीय व ठाकुर शमशेर सिंह इत्यादि शामिल हैं। तकनीकी शिक्षा मंत्री डाॅ. रामलाल मार्कंडेय ने कहा अटल टनल रोहतांग के लोकार्पण के दौरान सरकार बुजुर्गों को सम्मानित करने के बाद सुरंग का भ्रमण करवाएगी। रोहतांग सुरंग के निर्माण की नींव रखने में इन लोगों ने बहुत संघर्ष किया है। इन्‍होंने लाहुल से दिल्‍ली में प्रधानमंत्री के कार्यालय जाकर कई दफा यह मांग रखी। तत्‍कालीन प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी की ओर से सुरंग निर्माण की घोषणा के बाद भी कई तरह कागजी कार्रवाई के लिए इन लोगों ने खुद दिल्‍ली के चक्‍कर लगाए।

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