जोगेंद्रनगर में स्थित एशिया की पहली विद्युत शानन परियोजना ने तोड़े 97 साल के रिकाॅर्ड, 83.166 मिलियन यूनिट पहुंचा विद्युत उत्पादन
एशिया की पहली पन विद्युत शानन परियोजना ने बीते 97 साल के सभी रिकाॅर्ड तोड़ कर जुलाई माह में 83.166 मिलियन यूनिट विद्युत उत्पादन कर देश भर में इतिहास रच दिया है। इस माह तीन करोड़ की अतिरिक्त आमदनी भी परियोजना प्रबंधन को हुई है।
जोगेंद्रनगर, जागरण संवाददाता। एशिया की पहली पन विद्युत शानन परियोजना ने बीते 97 साल के सभी रिकाॅर्ड तोड़ कर जुलाई माह में 83.166 मिलियन यूनिट विद्युत उत्पादन कर देश भर में इतिहास रच दिया है। परियोजना में मशीनरी के सही संचालन से इस माह तीन करोड़ की अतिरिक्त आमदनी भी परियोजना प्रबंधन को हुई है।
पानी की प्रचुर मात्रा से विद्युत उत्पादन में तय तारगेट से 8.74 मिलियन यूनिट अतिरिक्त उत्पादन हुआ जिससे पंजाब राज्य विद्युत बोर्ड को अतिरिक्त मुनाफा हुआ। बरोट स्थित रेजर वायर में पानी की पर्याप्त उपलब्धता परियोजना प्रबंधन के लिए संजीवनी साबित हुई है और बीते 97 साल के सभी रिकाॅर्ड को तोड़ कर देश भर में नाम कमाया है। जुलाई माह में तय 70 से 80 मिलियन यूनिट का तारगेट निर्धारित किया गया था। इस
पर परियोजना के अनुभवी इंजीनियरों ने अपनी मेहनत से 83.166 मिलियन यूनिट विद्युत उत्पादन कर नया रिकाॅर्ड कायम किया है। इससे पहले बीते 24 साल पहले सात जुलाई 1997 में 82.056 मिलियन यूनिट उत्पादन हुआ था।
1925 की ऐशिया की पहली पन विद्युत परियोजना में अब 114 मैगावाट शुरू हुआ
विद्युत उत्पादन
ब्रिटिश शासक कर्नल बैटी ने 1925 में मंडी जिला के जोगेंद्रनगर के शानन में एशिया की पहली पन विद्युत परियोजना में 1932 में विद्युत उत्पादन शुरू कर दिया था। उस दौरान 12 मैगावाट की चार यूनिटों में 48 मैगावाट विद्युत उत्पादन हुआ करता था। 1980 में परियोजना का जीर्णोद्धार कर 15 मैगावाट की चार यूनिटों से
60 मैगावाट और 50 मैगावाट का एक अतिरिक्त यूनिट स्थापित कर 110 मैगावाट विद्युत उत्पादन का सिलसिला शुरू हुआ। बीते 97 साल बाद अब परियोजना में अब 113.82 मैगावाट विद्युत उत्पादन शुरू हो चुका है। जुलाई माह की 6 तारीख से 113.82 मैगावाट विद्युत उत्पादन होने से परियोजना के पिछले सभी रिकाॅर्ड टूट
गए। वहीं तीन करोड़ की अतिरिक्त आमदनी भी जुलाई माह में शानन परियोजना को हुई
है।
परियोजना में दस करोड़ से जीर्णोद्धार कर बदली सूरत- हरीश शर्मा
शानन परियोजना में विद्युत उत्पादन में बढ़ोतरी को लेकर एक साल में दस करोड़ रुपये का खर्चा पंजाब राज्य विद्युत बोर्ड की ओर से किया गया। जिसके तहत परियोजना के पुराने ट्रांसफार्मरों को बदला गया। पुरानी मशीनरी को उठाकर नई मशीनरी स्थापित की गई। वहीं बरोट स्थित रेजर वायर को भी दुरुस्त करने के लिए
करोड़ों रूपये का खर्चा परियोजना प्रबंधन की ओर से किया गया। इसके अलावा ऐशिया के पहले रोपवे में दोड़ने वाली ट्रोली के जीर्णोद्धार पर भी दो करोड़ रुपये खर्च हुए। इससे परियोजना की सूरत बदल गई और अब 110 मैगावाट की जगह 113.82 मैगावाट विद्युत उत्पादन शुरू हो चुका है।
एस ई शानन परियोजना हरीश श्र्मा ने कहा कि एशिया की पहली पन विद्युत शानन परियोजना में 97 साल बाद जुलाई माह में रिकाॅर्ड 83.166 मिलियन यूनिट विद्युत उत्पादन हुआ है। इससे पहले सात जुलाई 1997 को 82.054 मिलियन यूनिट विद्युत उत्पादन हुआ था। 110 मैगावाट की जगह 113.82 मैगावाट विद्युत उत्पादन शुरू हो जाने से परियोजना प्रबंधन को करोड़ों
रूपये की अतिरिक्त आमदनी भी शुरू हो चुकी है।